अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी ने वहां लोगों को भी संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 'जय सिया राम' से की है. उन्होंने कहा कि आज यह पूरे दुनिया में गूंज रहा है और कहा कि आज पूरा देश राममय हो गया है. आज उनके भाषण की खास बात ये रही है कि उन्होंने जय श्री राम की जगह, जय सिया राम का नारा लगाया है. इससे पहले मंदिर आंदोलन से जुड़े नेता जय श्री राम का नारा लगाते थे. प्रधानमंत्री मोदी ने आज परंपरागत धोती-कुर्ता पहन रखा था. उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे.
'आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी'
यह सौभाग्य की बात है कि मुझे राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया है और मुझे मौका दिया कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका दिया है. इतिहास ने आज फिर दोहराया गया है.राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था.
श्री राम का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचे
जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सब लोगों को आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं. आज का दिन सच्चाई, अहिंसा, विश्वास और बलिदान के दिन का प्रतीक है. हमें ये सुनिश्चित करना है कि भगवान श्रीराम का संदेश, राममंदिर का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे. कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हम सबकी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है.
गांव-गांव में पूजी हुई शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई
मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य काम शुरु हुआ है. जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर राम सेतु बनाया गया। वैसे ही घर-घर से, गांव-गांव में पूजी हुई शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं. भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए. इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं. श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं.
भय होई न प्रीति...
भय होई न प्रीति...भगवान राम ने यह भी दिखाया कि जब तक हमारे पास ताकत नहीं होगी तब तक प्रीति नहीं होगी. इसलिए राष्ट्र को ताकतवर होना जरूरी है. माना जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान हाल ही में चीन और पड़ोसी देशों को साथ हुए विवाद को देखते हुए दिया है.
मंदिर के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है
भारत अयोध्या में सुनहरा अध्याय रच रहा है, मंदिर के साथ इतिहास खुद को दोहरा रहा है.राम मंदिर के लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया है, मैं उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भगवान राम दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया सहित दुनिया के विभिन्न देशों में आज भी पूजनीय हैं. राम मंदिर के निर्माण से समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में उछाल आएगा.
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