- AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के सीमांचल का दो दिन का दौरा कर मतदाताओं का धन्यवाद किया.
- ओवैसी ने बिहार की एनडीए सरकार को सीमांचल के हक के लिए सशर्त समर्थन देने का भरोसा दिया और चेतावनी भी दी.
- उन्होंने अपने सभी विधायकों को सप्ताह में दो दिन जनता से मिलने और उनकी समस्याएं सुनने का निर्देश दिया.
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीमांचल के इलाके में महागठबंधन की नींव हिलाने में कामयाब रहने वाली एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी चुनाव परिणाम के बाद शुक्रवार और शनिवार को सीमांचल के दौरे पर थे. इस दौरे में उन्होंने न केवल पार्टी द्वारा जीती हुई सीटों पर बल्कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया. इस दौरे में उन्होंने साफ तौर पर भविष्य के राजनीतिक एजेंडे को स्पष्ट करते हुए कहा कि अब उनका दायरा पूरा बिहार होगा.
खास बात यह रही कि ओवैसी ने सीमांचल के हक-हकूक के लिए बिहार की एनडीए सरकार को सशर्त सहयोग का भी भरोसा दिया तो दूसरी ओर चेतावनी भी दी. उन्होंने हैदराबाद की तर्ज पर अपने सभी विधायकों के लिए सप्ताह में दो दिन मतदाताओं से मिलने-जुलने का टास्क दिया. इसके अलावा इशारों में ओवैसी ने महागठबंधन की हार पर तंज भी कसा और स्पष्ट तौर पर कौमी एकता का पैगाम देते हुए कहा कि हम सुरजापुरी भी हैं, शेरशाहबादी भी हैं, कुलहैया भी हैं, अंसारी भी हैं, शेख भी हैं, हम सब कुछ हैं, लेकिन हम मुसलमान हैं, ये हमारी पहचान है.
ओवैसी ने सीमांचल की प्राथमिकता को गिनाया
अमौर में जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि यह कामयाबी आप सभी के सिसायी शऊर और इत्तेहाद (एकता) की कामयाबी है.
ओवैसी ने कहा कि हमने जब सीमांचल की जिम्मेदारी ली है तो केवल चुनाव तक की बात नहीं है, बल्कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि हमारे मुस्लिम भाई हों या गैर मुस्लिम और दलित, उनके चेहरे पर राहत दिखे, उनके बच्चों के लिए अच्छा मुस्तकबिल हो सके और हमारी मां-बहनों की सेहत अच्छी हो सके. उन्होंने कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, मैं सीमांचल के लड़ता था, लड़ता हूं और लड़ता रहूंगा.
एनडीए को सशर्त समर्थन देने का किया ऐलान
पार्टी की कामयाबी से उत्साहित ओवैसी ने ऐलान किया कि सीमांचल जाग चुका है, अब बिहार का कोना-कोना जागेगा. उन्होंने कहा कि पटना जान चुका है कि सीमांचल की जनता फैसला कर चुकी है और पतंग छाप को अपना चुकी है. अब पटना को जो पैगाम जाएगा, सीमांचल से जाएगा. उन्होंने कहा कि पटना में जो सरकार बनी है, उसे हम मुबारकबाद देते हैं और हम उनसे कहना चाहते हैं कि हम उन्हें पूरा तआवुन (समर्थन) देना चाहते हैं, बशर्ते कि वह सीमांचल की जनता के साथ इंसाफ करे. यहां नदी-कटाव, पलायन, रिश्वतखोरी, सड़क और पुल की समस्या है, जिसका समाधान होना चाहिए.
उन्होंने बिहार सरकार को चेतावनी भी दी और कहा कि हम आपके तआवुन को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर आप हमारी मुख़ालफत करेंगे तो यह आपकी ज्यादती होगी और यहां की जनता इसे बर्दाश्त नही करेगी.
विधायकों को सप्ताह में दो दिन का दिया टास्क
ओवैसी ने अपने पांचों विधायकों को जनता से जुड़े रहने का टास्क दिया. उन्होंने अमौर में मंच से फरमान जारी करते हुए कहा कि विधायक अख्तरुल ईमान सप्ताह में एक दिन अमौर और एक दिन बैसा प्रखण्ड मुख्यालय में बैठकर आम आवाम से मुलाकात करेंगे और उनकी तकलीफ को सुनेंगे. साथ ही कहा कि यह कार्य उनके अन्य सीमांचल के विधायक भी करेंगे क्योंकि वे खुद ऐसा हैदराबाद में करते रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब विधायक प्रखण्ड मुख्यालय में बैठेंगे तो लोकेशन के साथ अपनी तस्वीर भी उन्हें व्हाट्सएप पर भेजेंगे.
हालांकि, मंच पर ही विधायक मो अख्तरुल ईमान ने जब ओवैसी से सप्ताह की बजाय महीने में यह सिस्टम लागू करने का आग्रह किया तो उन्होंने इस आग्रह को खारिज कर दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि जब पांचों विधायक विधानसभा में जाएंगे तो शेर की तरह दहाड़ेंगे और हुकूमत से सवाल पूछेंगे.
बिना नाम लिए महागठबंधन पर साधा निशाना
ओवैसी ने बिना किसी का नाम लिए महागठबंधन पर तंज कसा. साथ ही कहा कि जो लोग आज मुझसे सवाल पूछ रहे हैं, उनसे कह रहा हूं कि चुनाव के बाद आईने में अपना चेहरा देख लो, तुम्हारा चेहरा बड़ा ही डरावना लगता है. साथ ही कहा कि आप हम पर उंगलियां मत उठाओ. देख लो तुम्हारी वजह से क्या-क्या परेशानियां नजर आती हैं.
गौरतलब है कि एआईएमआईएम महागठबंधन के साथ सीमांचल में गठबंधन करना चाहती थी और 06 सीटें मांग रही थी, जिसे राजद और कांग्रेस ने खारिज कर दिया था. हालांकि जब परिणाम आया तो एआईएमआईएम ने न केवल सीमांचल में पुरानी पांचों सीट पर जीत दर्ज की बल्कि कसबा, ठाकुरगंज, प्राणपुर, बलरामपुर जैसी आधा दर्जन सीटों पर महागठबंधन की हार की पटकथा लिखने में भी कामयाब रहा. राजनीति के जानकार मानते हैं कि एआईएमआईएम को महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनाना महागठबंधन के लिए आत्मघाती कदम साबित हुआ.
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