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झारखंड: चुनाव आयोग के आदेश पर हटाए गए कार्यवाहक DGP अनुराग गुप्ता की जगह अजय कुमार सिंह की नियुक्ति

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से 2019 के लोकसभा चुनाव में की गई शिकायतों और आईपीएस अनुराग गुप्ता पर का गई पिछली कार्रवाईयों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने लिया फैसला

झारखंड: चुनाव आयोग के आदेश पर हटाए गए कार्यवाहक DGP अनुराग गुप्ता की जगह अजय कुमार सिंह की नियुक्ति
चुनाव आयोग ने झारखंड के कार्यवाहक डीजीपी अनुराग गुप्ता को तत्काल हटाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं.
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने झारखंड सरकार को अनुराग गुप्ता (Anurag Gupta) को तत्काल कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद से हटाने का निर्देश दिया है. आयोग ने सरकार से कहा है कि वह गुप्ता को हटाकर कैडर में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ डीजीपी स्तर के अधिकारी को कार्यभार सौंपे. झारखंड सरकार ने आदेश पर तुरंत अमल करते हुए गुप्ता हो हटा दिया है और उनके स्थान पर अजय कुमार सिंह को डीजीपी का प्रभार दिया है.

चुनाव आयोग ने यह फैसला पिछले चुनावों के दौरान गुप्ता के खिलाफ शिकायतों और आयोग की ओर से की गई कार्रवाईयों को ध्यान में रखते हुए लिया है. 

झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग के आदेश पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अनुराग गुप्ता को डीजीपी के प्रभार से मुक्त कर दिया है. उन्हें पुलिस महानिदेशक का प्रभार झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, 1889 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं. 

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उल्लेखनीय है कि सन 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से पक्षपातपूर्ण आचरण के आरोप लगाए जाने के बाद गुप्ता को झारखंड के एडीजी (विशेष शाखा) के पद से हटा दिया गया था. उस समय उन्हें दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय में फिर से नियुक्त किया गया था. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक उनके झारखंड लौटने पर रोक लगाई गई थी.

साल 2016 में झारखंड के राज्य विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनावों के दौरान अनुराग गुप्ता अतिरिक्त डीजीपी थे. उन पर सत्ता के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे थे. तब आयोग ने एक जांच समिति बनाई थी, जिसके निष्कर्षों के आधार पर विभागीय जांच के लिए उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया था. जगन्नाथपुर थाने में 29 मार्च 2018 को मामला भी दर्ज किया गया था. साल 2021 में झारखंड सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988 की धारा 17(ए) के तहत जांच की अनुमति दी थी.

झारखंड सरकार को शनिवार को शाम 7 बजे तक आयोग के निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया था. झारखंड सरकार को 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजे तक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का पैनल पेश करना है.

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