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This Article is From Dec 02, 2023

'नौकरी के बदले नकदी' घोटाला मामले में असम सरकार ने 21 अधिकारियों को किया निलंबित

सूत्रों ने बताया कि एपीएस के दो अधिकारियों को पिछले सप्ताह इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस के विशेष जांच दल के सामने पेश होने के लिए कई अन्य को समन जारी किया गया है.

'नौकरी के बदले नकदी' घोटाला मामले में असम सरकार ने 21 अधिकारियों को किया निलंबित
कार्मिक विभाग ने कहा कि इन अधिकारियों की भर्ती के लिए एपीएससी की सिफारिश “अवैध” थी. (प्रतीकात्‍मक)
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असम सरकार ने लोक, पुलिस और संबद्ध सेवा के 21 अधिकारियों को निलंबित किया
APSC में 'नौकरी के बदले नकदी' घोटाले में संलिप्तता के आरोप में निलंबित
कार्मिक विभाग ने कहा कि ये “APSC की विसंगतियों और कदाचार” के लाभार्थी थे
गुवाहाटी :

असम सरकार (Assam Government) ने असम लोक सेवा आयोग (Assam Public Service Commission) में 'नौकरी के बदले नकदी' घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए राज्य की लोक, पुलिस और संबद्ध सेवा के 21 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. बृहस्पतिवार को जारी आदेशों के माध्यम से निलंबित किए गए 21 अधिकारियों में से 11 असम पुलिस सेवा (एपीएस), चार असम लोक सेवा (एएससी), तीन सहायक रोजगार अधिकारी, सहकारी समितियों के दो सहायक रजिस्ट्रार और एक उत्पाद शुल्क निरीक्षक हैं.

सूत्रों ने बताया कि इनमें से एपीएस के दो अधिकारियों को पिछले सप्ताह इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होने के लिए कई अन्य को समन जारी किया गया है. कार्मिक विभाग द्वारा जारी निलंबन अधिसूचना में कहा गया है कि ये अधिकारी “एपीएससी द्वारा की गई विसंगतियों और कदाचार” के लाभार्थी थे और उन्हें अंतिम सारणी शीट में उनके मूल रूप से प्राप्त अंकों को “बढ़ा कर” नियुक्ति मिली, जिसके आधार पर अंतिम परिणाम घोषित किए गए थे. 

इसमें कहा गया है कि इन अधिकारियों की भर्ती के लिए एपीएससी की सिफारिश “अवैध” थी और जिस प्रक्रिया के माध्यम से उन्होंने अपनी नौकरियां प्राप्त कीं वह “घोर कदाचार, भ्रष्टाचार और नैतिक अधमता के बराबर है”. 

इसमें कहा गया है कि चूंकि उन पर आपराधिक मामले की जांच जारी है इसलिए उन्हें उनके वर्तमान पद पर बने रहने की अनुमति देना “सार्वजनिक सेवा के हित में नहीं हो सकता है और सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है”. 

अधिसूचना में कहा गया है कि यह देखते हुए अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि जिन साक्ष्यों के आधार पर अब निलंबित अधिकारी जांच का सामना कर रहे हैं, उसकी जानकारी एक सदस्यी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी.के. शर्मा आयोग की तरफ से दी गई थी. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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