वाराणसी की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया है. साथ ही अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में मुस्लिम पक्ष को अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए छह नवंबर तक का समय दिया है. जिला न्यायाधीश इस मामले में अगली सुनवाई आठ नवंबर को करेंगे.
जिला शासकीय अधिवक्तता राजेश मिश्रा ने बताया कि हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने पर मुस्लिम पक्ष द्वारा कब्जा किए जाने की आशंका जताते हुए इसे जिलाधिकारी को सौंपने के लिए वाद दाखिल किया था. केन्द्र सरकार के अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को बताया कि एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम पूरा कर लिया है, लेकिन मगर सर्वे की रिपोर्ट और इस कवायद में इस्तेमाल किये गए उपकरणों की रिपोर्ट संकलित करने में कुछ और समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर एएसआई ने जिला अदालत से रिपोर्ट सौंपने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की.
उन्होंने बताया कि अर्जी पर सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने एएसआई को रिपोर्ट जमा करने के लिए 17 नवंबर तक का समय दे दिया है. एएसआई को इससे पहले छह अक्टूबर तक रिपोर्ट देनी थी लेकिन बाद में उसे तीन नवंबर तक इसे जमा करने के निर्देश दिये गये थे.
जिला अदालत ने गत 21 जुलाई को एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर चार अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था और 24 जुलाई को सर्वे शुरू होने के बाद पहले उच्चतम न्यायालय और फिर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से तीन अगस्त तक काम रुका रहा. उसके बाद एएसआई ने सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का और वक्त मांगा था.
अदालत ने पांच अगस्त को सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए चार हफ्ते का और समय दिया था. उसके बाद अदालत ने आठ सितंबर को एएसआई को सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का समय और दिया था.
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