सेना (Army) ने सीमित और आपातकालीन अभियानों के लिये ध्रुव हेलीकॉप्टर (Dhruva Helicopter) के उड़ान को मंजूरी दे दी है. यहां वही हेलीकॉप्टर उड़ान भर सकेंगे जिसको पूरी तरह से चेक कर लिया गया है और उसे उड़ान के लिये सही पाया गया है. सेना ने देश में बने ध्रुव हेलीकॉप्टर पर रोक तब लगाई थी जब दो महीने के भीतर इस हेलीकॉप्टर के तीन हादसे हो गए थे. 4 मई को जम्मू के किश्तवाड़ में हुए हादसे में एक तकनीकी सैनिक की मौत हो गई थी और फ्लाई करते हुए दोनों पायलट घायल हो गए थे.
इसके बाद ही ध्रुव के उड़ान पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी गई थी. इससे पहले 8 मार्च को मुम्बई के तट पर अरब सागर के पास ध्रुव की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी और फिर 26 मार्च को केरल के कोच्चि में भी कास्टगार्ड के ध्रुव हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी. इसके बाद ही इन हेलीकॉप्टर में सेफ्टी के मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया गया. दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर का डिज़ाइन और निर्माण हिंदुस्तान एरोनॉटिकस लिमिटेड ने किया है. फिलहाल थल सेना के पास करीब 145, वायुसेना के पास 70, नौसेना के पास 18 और तटरक्षक बल के पास 20 ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं.
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