कर्नाटक में बहुमत के साथ बनी सिद्धारमैया सरकार (Siddaramaiah Government) से अब मांग की जा रही है कि वो उन कानूनों और आदेशों को वापस लें, जिसे बीजेपी सरकार ने लागू किया था. इसमें गोहत्या पर प्रतिबंध (Anti-Cow Slaughter Bill) लगाने के लिए लाया गया विधेयक भी शामिल है. पिछली बीजेपी सरकार ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और अपराधियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया था. अब कैबिनेट मंत्री प्रियांक खरगे (Priyank Kharge) का कहना है कि बोम्मई सरकार का गोहत्या विरोधी बिल राज्य की प्रगति में बाधा है. इससे सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह निष्कर्ष कांग्रेस ने नहीं, बल्कि बीजेपी सरकार के वित्त विभाग ने निकाला है. खरगे ने कहा कि कांग्रेस सरकार कर्नाटक के हित में कोई भी कानून निरस्त कर सकती है.
NDTV से बातचीत में प्रियांक खरगे ने कहा, "हमारी सरकार ऐसे कानूनों की समीक्षा करेगी, जो किसी न किसी रूप में इंसान के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं या फिर असंवैधानिक हैं." खरगे ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ गोहत्या या हिजाब ही नहीं, बीजेपी सरकार का कोई भी कानून राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के खिलाफ पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का ध्यान राजनीति नहीं, सिर्फ अर्थशास्त्र है.
गोहत्या विरोधी विधेयक पर हो सकता है पुनर्विचार
बीजेपी शासन के दौरान लिखे गए वित्त विभाग के एक नोट को पढ़ते हुए प्रियांक खरगे ने कहा, "विशाल वित्तीय निहितार्थों को देखते हुए गोहत्या विरोधी विधेयक पर पुनर्विचार किया जा सकता है. जब हम गुज़ारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो इस तरह के खर्चों से सहमत नहीं हो सकते हैं. अगले दो साल में बजट का आकार छोटा होने की उम्मीद है. ऐसे में पिछली कैबिनेट के फैसले पर रोक लगाई जा सकती है."
बीजेपी की अन्य योजनाएं आर्थिक देनदारियां
प्रियांक खरगे सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली नई कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि गौ रक्षा के संबंध में बीजेपी की अन्य योजनाएं भी वास्तव में आर्थिक देनदारियां थीं. उदाहरण के तौर पर उन्होंने पशुओं को चारा उपलब्ध कराने की योजना का हवाला दिया.
कर्नाटक के आर्थिक विकास को देख हैं-प्रियांक खरगे
प्रियांक खरगे ने कहा, "हम कर्नाटक के आर्थिक विकास को देख रहे हैं. किसानों, व्यापारियों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों को देख रहे हैं. हमें इस विचारधारा के खिलाफ एक बड़ा जनादेश मिला है. कर्नाटक को प्रगति के पथ पर रखने के लिए हमें एक बड़ा जनादेश मिला है." कोई भी नीति जो आर्थिक रूप से कर्नाटक के विकास को बाधित करती है और राज्य को पीछे की ओर ले जाने वाली है, उसकी समीक्षा की जाएगी. जरूरी हुआ तो इसे निरस्त कर दिया जाएगा.
चुनाव में कांग्रेस ने जीती थीं 135 सीटें
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 244 सीटों में से 135 सीटें जीती थी. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि वह बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी, जो विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देते हैं.
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