
- SBI ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को फ्रॉड के रूप में चिन्हित करने का निर्णय लिया है.
- ये मामला अगस्त 2016 से विवादों में रहा है और अब तक जारी है.
- कंपनी को यह पत्र 30 जून को प्राप्त हुआ, जिसमें धोखाधड़ी का निर्णय स्पष्ट किया गया है.
- एसबीआई ने 23 जून को लिखे पत्र में अनियमितताओं के बारे में बताया है.
भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को 'धोखाधड़ी' के रूप में चिन्हित करने का फैसला किया है. यह मामला अगस्त 2016 से विवादों में हैं. भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक 23 जून 2025 के एक पत्र में यह स्पष्ट किया है. रिलायंस कम्युनिकेशन को बैंक की तरफ से ये पत्र 30 जून को मिला है. एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा कि कंपनी के लोन अकाउंट को SBI ने धोखाधड़ी के रूप में क्लासिफाई किया है.' इस खुलासे में SBI की ओर से 23 जून को लिखे गए एक पत्र को शामिल किया गया, जिसमें इस फैसले के पीछे के तर्क को रेखांकित किया गया.
पूरे मामले पर अनिल अंबानी के वकील ने जताई आपत्ति
उद्योगपति अनिल अंबानी के वकील ने दिवालिया हो चुकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने का विरोध करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को पत्र लिखा है. 2 जुलाई को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि एसबीआई के इस कदम ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के साथ अदालती निर्देशों का भी उल्लंघन किया है. रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने बुधवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि एसबीआई 2016 के एक मामले में कथित तौर पर पैसा दूसरी जगह भेजने का हवाला देते हुए उसके कर्ज खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत कर रहा है.
अनिल अंबानी के वकील ने कहा कि एसबीआई का आरकॉम के ऋण खातों को धोखाधड़ी वाला बताने का आदेश चौंकाने वाला एवं एकतरफा है और यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है. वकील ने कहा कि एसबीआई का आदेश उच्चतम न्यायालय और मुंबई उच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों के साथ आरबीआई के दिशानिर्देशों का सीधा उल्लंघन है. पत्र में वकील ने कहा कि एसबीआई ने कारण बताओ नोटिस की अमान्यता के बारे में अंबानी के संचार का लगभग एक साल तक जवाब नहीं दिया है. वकील ने कहा कि एसबीआई ने अंबानी को अपने आरोपों के खिलाफ दलीलें पेश करने के लिए व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि अंबानी कानूनी सलाह के अनुरूप मामले को आगे बढ़ा रहे हैं.
SBI ने कंपनी को 23 जून को लिखे पत्र में कही ये बात
SBI ने कंपनी को 23 जून को लिखे पत्र में कहा, 'हमने अपने शो-कॉज नोटिस के जवाबों पर ध्यान दिया है और उनके परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है कि उत्तरदाता ने ऋण दस्तावेजों की सहमति शर्तों का पालन न करने या रिलायंस कम्युनिकेशंस के खाते के संचालन में देखी गई अनियमितताओं को बैंक की संतुष्टि के लिए पर्याप्त कारण नहीं दिए हैं.
SBI और अनिल अंबानी की ओर से मामले पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई
RBI के नियमों के अनुसार, किसी लोन खाते को फ्रॉड घोषित करने के बाद बैंक को 7 दिन के भीतर RBI को सूचित करना होता है. अगर धोखाधड़ी की रकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो, तो बैंक को 30 दिन के भीतर CBI में शिकायत दर्ज करानी होती है. SBI के इस कदम से आगे जांच की संभावना बढ़ सकती है. RCom ने यह भी साफ किया है कि कंपनी फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया में है, इसलिए उसके सभी कामकाज और संपत्तियों का प्रबंधन कोर्ट द्वारा नियुक्त समाधान पेशेवर (Resolution Professional) देख रहे हैं. कंपनी का बोर्ड इस समय निलंबित है.
(इनपुट्स भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं