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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वाईएस जगनमोहन रेड्डी की अवैध सम्पत्ति मामले में चौथा आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें आंध्र प्रदेश के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और दो नौकरशाहों सहित 14 आरोपियों के नाम हैं।
सीबीआई की मुख्य विशेष अदालत में सोमवार को दाखिल किए गए 177 पृष्ठों के आरोपपत्र में सड़क एवं भवन मंत्री धर्मन्ना प्रसाद राव तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी मनमोहन सिंह और एम. सैमुएल के नाम भी हैं।
सीबीआई ने आरोपपत्र में प्रसाद राव को आरोपियों की सूची में पांचवें स्थान पर रखा है, जबकि पूर्व मंत्री मोपीदेवी वेंकटरमना को चौथे स्थान पर रखा है।
जगन कडप्पा से लोकसभा के सदस्य हैं। उनका और उनके सहयोगी विजय साईं रेड्डी के नाम आरोपपत्र में शीर्ष पर हैं।
आरोपियों की सूची में अन्य नाम हैं उद्योगपति निम्मागद्दा प्रसाद, मोपीदेवी, धर्मना प्रसाद राव, पूर्व विशेष सचिव केवी ब्रह्मानंद रेड्डी, मनमोहन सिंह, एम. सैमुएल, निम्मागद्दा प्रकाश, वैनपिक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जगती पब्लिकेशंस भारती सीमेंट, कारमेल एशिया होल्डिंग्स तथा सिलीकॉन बिल्डर्स।
यह आरोपपत्र वैडेवू और निजामपत्तनम पोर्ट्स तथा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (वैनपिक परियोजना) को प्रकाशम व गुंटूर जिलों में भूमि आवंटन एवं अन्य रियायतें दिए जाने से संबंधित हैं।
प्रसाद राव जगन के पिता एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री थे और उन्होंने कथित तौर पर वैनपिकको भूमि आवंटित किए जाने की सिफारिश की थी।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, यह आरोपपत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 409, 419, 420, 468, 471 व 477ए के तहत दाखिल किया गया है।
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