आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को उस वक्त अपने परिवार की ओर से ही शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ा, जब उनकी चचेरी बहन पिछले साल मार्च में हुई उनके पिता की हत्या के सिलसिले में हाईकोर्ट पहुंच गईं. जगनमोहन रेड्डी के चाचा तथा पूर्व सांसद वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी पिछले साल मार्च में राज्य में होने वाले चुनाव से पहले कडपा स्थित अपने आवास में मृत पाए गए थे. उनकी पुत्री सुनीता नररेड्डी ने सार्वजनिक रूप से कई लोगों के 'आचरण' पर संदेह व्यक्त किया, और उन्होंने अपने चचेरे भाई, मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को भी नहीं बख्शा.
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सुनीता नररेड्डी ने राज्य पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा जांच पर भी सवाल खड़े किए और पूछा कि उनके चचेरे भाई ने सत्ता में आने के बाद केस की जांच CBI को क्यों नहीं सौंपी. पिछले साल हुई हत्या के तुरंत बाद वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी, जो उस वक्त विपक्षी नेता थे, ने ज़ोर देकर कहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की निगरानी के तहत स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, और वारदात की जांच CBI से कराई जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री की चचेरी बहन सुनीता नररेड्डी ने सवाल किया कि क्यों दूसरी SIT का गठन किया गया, और क्यों अतिरिक्त महानिदेशक के स्थान पर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जांच करवाई जा रही है. पहले जांच का नेतृत्व करते रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभिषेक मोहंती लम्बी छुट्टी पर चले गए हैं. सुनीता नररेड्डी ने अपने पिता की हत्या को लेकर परिवार के भी कई सदस्यों पर अंगुली उठाई है.
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