इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने रामपुर नगर पालिका की लापता मशीनों के जौहर विश्वविद्यालय परिसर से कथित रूप से बरामद होने के मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक आजम खान और उनके बेटे की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को रोक लगा दी. न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की पीठ ने आजम खान और अन्य द्वारा दायर एक रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया.
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने रामपुर के कोतवाली थाने में 19 फरवरी, 2022 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409, 120-बी और लोक संपत्ति क्षति रोधी अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. याचिका में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की भी गुहार लगाई गई थी.
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 के तहत कोई मामला नहीं बनता क्योंकि कथित घटना 2017 की है और उस दौरान याचिकाकर्ता जनसेवक नहीं थे, बल्कि जौहर विश्वविद्यालय के महज कुलाधिपति थे. उन्होंने दावा किया कि दूसरे याचिकाकर्ता को प्रथम याचिकाकर्ता का बेटा होने की वजह से फंसाया गया है.
संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, “इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए अंतरिम उपाय के तौर पर सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में सहयोग करें.”
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