ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की घटना को लेकर केंद्र सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का सोमवार को आरोप लगाया. ओवैसी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर 13 दिसंबर को संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे.
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘कमजोर राजनीतिक नेतृत्व' ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है.
ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें परेशान करने वाली और चिंताजनक हैं. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब संसद का सत्र चल रहा था तो उसे सूचित क्यों नहीं किया गया.''
एक अन्य ट्वीट में एआईएमआईएम नेता ने कहा, ‘‘सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. मोदी के नेतृत्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है. इस पर संसद में तत्काल चर्चा की जरूरत है. मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा.''
ओवैसी ने कहा कि घटना का विवरण अधूरा है और एक अन्य ट्वीट में पूछा, ‘‘झड़प का कारण क्या था? क्या गोलियां चलाई गई थीं या यह गलवान की तरह हुआ? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी स्थिति क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है?''
सैन्य सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गये.
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