उत्तराखंड सरकार भी जल्द ही कांवड़ यात्रा (Uttarakhand Kanwar Yatra) को शुरू करने की इजाजत दे सकती है. इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को कहा कि पड़ोसी प्रदेशों के साथ गहन चर्चा करने के बाद कांवड़ यात्रा के संचालन के संबंध में फैसला लिया जाएगा. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू करने का निर्णय़ लिया है. हालांकि इस यात्रा को लेकर तमाम नियम-शर्तें लगाई गई हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजी अशोक कुमार समेत शीर्ष अधिकारियों के साथ म एक बैठककी थी. इसमें पड़ोसी राज्यों के साथ इस बारे में गहन विचार-विमर्श कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समुचित निर्णय लेने के निर्देश दिए गए थे. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई थी. उत्तराखंड में पुलिस अधिकारियों की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में भी यह राय बनी थी कि संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए फिलहाल कांवड़ यात्रा को स्थगित रखना चाहिए.
बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि अगर यात्रा स्थगित होती है तो राज्य पुलिस की अनुमति से पड़ोसी राज्य टैंकरों में गंगा जल भरकर ले जा सकते हैं . दरअसल, हर साल जुलाई में सावन का महीना आते ही कांवड़ यात्रा शुरू होती है, जो अगस्त के प्रारंभ तक चलती है. इस एक पखवाड़े के दौरान उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों से लाखों शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार आते हैं. गंगा जल से वह अपने गांवों और घरों में शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं.
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