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पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर श्रीनगर में एडवेंचर कॉन्क्लेव का आयोजन, CM अब्दुल्ला बोले- टूरिज्म मतलब जम्मू-कश्मीर

पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा उपायों के तहत कश्मीर के कई पर्यटन स्थलों के अलावा सभी ट्रेकिंग मार्ग बंद कर दिए गए थे. हालांकि कई जगहों से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, लेकिन स्थिति ने पर्यटकों के भरोसे को हिला दिया है और पिछले 8 महीनों में पर्यटकों के आगमन में भारी गिरावट आई है.

पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर श्रीनगर में एडवेंचर कॉन्क्लेव का आयोजन, CM अब्दुल्ला बोले- टूरिज्म मतलब जम्मू-कश्मीर
  • कश्मीर घाटी में एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का 17वां वार्षिक सम्मेलन श्रीनगर में आयोजित हो रहा है
  • अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले से कश्मीर के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा और पर्यटन में गिरावट आई है
  • सीएम उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर को एडवेंचर टूरिज्म का महत्वपूर्ण केंद्र बताया और सुरक्षा सुधारों की आवश्यकता जताई
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श्रीनगर:

कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड के बीच, देश भर से पर्यटन के शौकीन लोग तीन दिवसीय सम्मेलन के लिए श्रीनगर में इकट्ठा हुए हैं. संभावित स्नोफॉल से पहले घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया' का 17वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.

अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले की वजह से कश्मीर में पर्यटन उद्योग को भारी झटका लगा है. इसके बाद कश्मीर में पर्यटन की रूपरेखा तैयार करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों के टूर ऑपरेटरों द्वारा आयोजित यह पहला बड़ा कार्यक्रम है.

शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में इसका उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 17वें वार्षिक सम्मेलन के लिए श्रीनगर को चुनने के लिए एटीओएआई को धन्यवाद दिया. हाल ही में, गुलमर्ग में कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर के बिना भारत में एडवेंचर टूरिज्म की कल्पना नहीं की जा सकती.

उमर अब्दुल्ला ने कहा, “भारत में एडवेंचर टूरिज्म की बात हो, तो जम्मू-कश्मीर का जिक्र किए बिना बात अधूरी है. यहां लोग गुलमर्ग में स्कीइंग करते थे, जबकि बाकी देश को स्कीइंग के बारे में उतनी जानकारी नहीं थी. अब हमें लगता है कि बाकी देश आगे बढ़ गया है, और कश्मीर की स्थिति ने हमें पीछे धकेल दिया है.”

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पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा उपायों के तहत कश्मीर के कई पर्यटन स्थलों के अलावा सभी ट्रेकिंग मार्ग बंद कर दिए गए थे. हालांकि कई जगहों से प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, लेकिन स्थिति ने पर्यटकों के भरोसे को हिला दिया है और पिछले 8 महीनों में पर्यटकों के आगमन में भारी गिरावट आई है.

अब, जब देश भर के टूर ऑपरेटरों का सम्मेलन कश्मीर में पर्यटन रोडमैप पर विचार-विमर्श कर रहा है, तो तीन दिवसीय यह आयोजन एडवेंचर टूरिज्म की आंशिक बहाली का भी संकेत देगा. अधिकारियों का कहना है कि प्रतिनिधि पहलगाम और कुछ अन्य मार्गों पर भी ट्रेकिंग के लिए जाएंगे, जो पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बंद कर दिए गए थे.

कश्मीर चैप्टर एटीओएआई के सह-अध्यक्ष रऊफ ट्राम्बू ने कहा, "एडवेंचर टूरिज्म भी बुरी तरह प्रभावित हुआ, क्योंकि हमारे सभी ट्रेकिंग मार्ग बंद थे - पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और ज़िपलाइन जैसी सभी संबंधित गतिविधियां ठप हो गईं. अब हमें उम्मीद है कि आने वाला सीजन ठीक रहेगा, क्योंकि देश भर से इतने सारे लोग, टूर ऑपरेटर, यहां विचार-विमर्श कर रहे हैं और यह संदेश दे रहे हैं कि कश्मीर पूरी तरह सुरक्षित है."

कश्मीर का हिरण, जिसे घाटी में आमतौर पर हंगुल के नाम से जाना जाता है, 17वें एटीओएआई सम्मेलन का आधिकारिक शुभंकर है. आयोजकों का कहना है कि हंगुल साहस और दृढ़ता का प्रतीक है और सम्मेलन का उद्देश्य बाधाओं को पार करना है.

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