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विकास को रफ्तार दे रहा अदाणी ग्रुप: केरल में न्यू इंडिया का गेटवे, UP में गंगा एक्सप्रेस वे पर रनवे

अदाणी ग्रुप के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा. अदाणी ग्रुप की ओर से विकसित देश के पहले गहरे पानी के बंदरगाह का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने केरल में किया. वहीं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे पर लड़ाकू विमानों ने टच एंड दो किया. इसके निर्माण में अदाणी समूह का बड़ा योगदान है.

विकास को रफ्तार दे रहा अदाणी ग्रुप: केरल में न्यू इंडिया का गेटवे, UP में गंगा एक्सप्रेस वे पर रनवे
नई दिल्ली:

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दे रहे अदाणी समूह के लिए आज का दिन बेहद खास रहा. केरल में जहां विझिंजम बंदरगाह का उद्घाटन एक भव्य समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने किया. इस  बंदरगाह का निर्माण अदाणी ग्रुप ने करीब 8900 करोड़ रुपये की लागत से किया है. यह गहरे पानी वाला भारत का पहला बंदरगाह है. वहीं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे पर बनी हवाई पट्टी पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों, माल वाहक विमानों और हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी. 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस वे में से 464 किमी का निर्माण अदाणी ग्रुप कर रहा है. इसी एक्सप्रेस वे पर शाहजहांपुर में साढ़े तीन किमी की एक हवाई पट्टी बनाई गई है. 

भारत का पहला गहरे पानी का बंदरगाह

आज सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में विझिंजम बंदरगाह का उद्घाटन किया.यह देश का  पहला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है.केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में बना यह भारत में गहरे पानी का सबसे बड़ा बंदरगाह है. इसके निर्माण पर आठ हजार 867 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस बंदरगाह का निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भारत के सबसे बड़े बंदरगाह डेवलपर अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने किया है. इस बंदरगाह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग में भारत की भूमिका बदलने की उम्मीद है. यह व्यस्ततम अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से केवल 10 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है. यहां प्राकृतिक रूप से गहरा पानी है, जो इसे बड़े मालवाहक जहाजों के अनुकूल बनाता है. 

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अभी पिछले महीने के पहले हफ्ते में विंझिजम बंदरगाह पर दुनिया के सबसे बड़े ईको-फ्रेंडली कंटेनर जहाज एमएससी तुर्किये पहुंचा था.विंझिजम बंदरगाह पर उसका जोरदार स्वागत किया गया था. ऐसा पहली बार था कि जब इतना बड़ा जहाज दक्षिण एशिया के किसी बंदरगाह पर पहुंचा था. 

कितनी है विंझिजम बंदरगाह की क्षमता

विंझिजम बंदरगाह का ट्रायल रन जुलाई 2024 में शुरू हुआ था. इस बंदरगाह को चार दिसंबर 2024 को कमर्शियल कमीशनिंग का सर्टिफिकेट मिला था.उसके बाद से अब तक यहां 285 जहाज आ चुके हैं और 5.93 लाख टीईयू (Twenty Foot Equivalent Unit) कंटेनर का संचालन हो चुका है.एमएससी जैसे जहाज, जो दुबई और कोलंबो नहीं जाते थे, वे विझिंजम पहुंच चुके हैं.बंदरगाह की सालाना क्षमता 30 लाख टीईयू है.  

विझिंजम बंदरगाह पूर्व-पश्चिम शिपिंग एक्सिस के बहुत करीब है. इससे यूरोप और फारस की खाड़ी के शिपिंग रूट से कनेक्टिविटी बढेगी. यहां प्राकृतिक पानी की गहराई 18 से 20 मीटर तक है. यह ऑल वेदर यानी हर तरह के मौसम में काम करेगा और मदर वेसल यानी बहुत बड़े जहाजों को जगह दे सकता है.इस बंदरगाह के शुरू हो जाने से ट्रांसशिपमेंट जहाज और नेविगेशन लागत में बड़ी बचत होगी. समुद्री परिवहन बढ़ जाने से लोगों के लिए सामान की कीमत कम होगी.

गंगा एक्सप्रेस वे लड़ाकू विमानों का टच एंड गो

देश के विकास में अदाणी समूह के योगदान शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे पर दिखाई दिया. गंगा एक्सप्रेस वे पर शाहजहांपुर में बनाई गई हवाई पट्टी पर एयर शो का आयोजन किया गया. इस दौरान वहां भारतीय वायुसेना के रफाल, मिराज और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, एमआई-17 वी 5 हेलिकॉप्टर ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे पर बनी हवाई पट्टी से टच एंड गो करता वायुसेना का एक लड़ाकू विमान.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे पर बनी हवाई पट्टी से 'टच एंड गो' करता वायुसेना का एक लड़ाकू विमान.

गंगा एक्सप्रेस वे 594 किमी लंबा है. इसमें से 464 किलोमीटर का निर्माण अदाणी ग्रुप कर रहा है. अदाणी समूह बदायूं से हरदोई तक 151.7 किमी, हरदोई से उन्नाव तक 155.7 किमी और उन्नाव से प्रयागराज तक 157 किमी के हिस्से का निर्माण कर रहा है. छह लेन के इस एक्सप्रेस वे को आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इसका 80 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 

पहली नाइट लैंडिंग हवाई पट्टी 

शाहजहांपुर में बनी यह हवाई पट्टी देश की पहली नाइट लैंडिंग हवाई पट्टी है.इस पर दिन और रात दोनों समय लड़ाकू विमान उड़ सकेंगे.इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान पूर्वाभ्यास भी कर सकेंगे.एक्सप्रेस वे पर हवाई पट्टी बनाने का मकसद आपातकाल में इसका इस्तेमाल वैकल्पिक रनवे के तौर पर करने का है. 

गंगा एक्सप्रेस वे से पहले उत्तर प्रदेश के तीन और एक्सप्रेस वे पर हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उन्नाव जिले में एक एयर स्ट्रिप बनाई गई है.वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर जिले में एक एयर स्ट्रिप बनी है.इसी तरह से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में इटावा जिले के पास एक एयर स्ट्रिप बनाई गई है. 

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