
गुरुवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी. चुनाव में वो अकेले प्रत्याशी थे. इस चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर और पंजाब विधानसभा के सचिव राम लोक ने उनके निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की. उन्हें सर्टिफिकेट भी दे दिया गया है.
राज्यसभा के लिए इस चुनाव में राजिंदर गुप्ता के खिलाफ महाराष्ट्र के सांगली के प्रभाकर दादा और हैदराबाद के क्रांति सयाना समेत तीन निर्दलीय उम्मीदवारों और उनकी पत्नी ने भी पर्चे भरे थे. तीनों निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रद्द हो गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी ने भी अपने पर्चे वापस ले लिए थे.
पंजाब की इस एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए 24 अक्टूबर को चुनाव होने थे.
बता दें कि 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में करीब 80 फीसद विधायक आम आदमी पार्टी के हैं. यानी राजिंदर गुप्ता के खिलाफ कोई उम्मीवार खड़ा भी होता तो जीत उन्हीं की होती. यह सीट आप के संजीव अरोड़ा के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से खाली है. अरोड़ा 9 अप्रैल 2028 तक राज्यसभा सदस्य थे. अरोड़ा को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने कैबिनेट में शामिल किया है.
राजिंदर गुप्ता एक उद्योगपति हैं और उन्होंने नामांकन में खुद को 10वीं पास बताया है. साथ ही उनके पास न तो कोई कार है और न ही कृषि भूमि और न ही बिजनेस की कोई बिल्डिंग ही मौजूद है. जबकि उनके परिवार के पास पांच हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति है और ट्राइडेंट कंपनी की मालिक है.
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