बनारस:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते एक साल में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं और इसमें बनारस के जिलाधिकारी (डीएम) प्रांजल यादव की भी खासी अहम भूमिका है।
पिछले साल इस वक्त प्रांजल ने नरेंद्र मोदी को बनारस में को रैली करने से रोक दिया था। उनके इस कदम का बीजेपी ने तब सख्त विरोध किया था और इन्हें बर्खास्त करने तक की मांग की थी। लेकिन आज चीजें बदल गई हैं। प्रांजल पीएम के साथ बड़ी सावधानी से समन्वय करके चल रहे हैं। वह पीएम की योजनाओं को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। गंगा नदी के तट पर बसे 3,000 साल पुराने इस शहर में प्रांजल मोदी की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू कर रहे हैं।
जब प्रांजल से पुरानी बातों और आज के रिश्तों के बारे में पूछा गया तो वह बेहद सतर्क दिखे। उन्होंने कहा पीएम से ऐसा समन्वय किसी तरह की बैठक के बाद नहीं हुआ है। प्रांजल ने इसका भी खुलासा किया कि कैसे पीएम सांसद निधि में मिलने वाली 5 करोड़ की राशि खर्च करना चाहते हैं। प्रांजल ने कहा कि मोदी ने इस रकम को पांच विधानसभा क्षेत्रों के बीच बराबर हिस्सों में बांट दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम का पूरा फोकस हैंडपंप, रोड और सोलर लाइट पर है।
मई 2014 में यादव ने बनारस में मोदी की तय रैली की अनुमित नहीं दी थी, जिससे नाराज़ बीजेपी के बड़े नेता मोदी के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद से प्रांजल की पीएम से तीन बार मुलाकात हो चुकी है। पीएम ने यादव से साफ कहा है कि वाराणसी के विकास के लिए वह हर तरह की बाधाओं को दूर करें।
प्रांजल यादव ने कहा, 'हमलोग जो भी काम करते हैं, उसका यहां के पीएम ऑफिस नियमित तौर पर समीक्षा करता है।' वह उस प्रतिनिधिमंडल के भी हिस्सा थे, जो जापान के क्योतो में इस बात का अध्ययन करने गया था कि कैसे किसी प्राचीन शहर की विरासत को नष्ट किए बिना विकसित किया जाता है।
पिछले साल इस वक्त प्रांजल ने नरेंद्र मोदी को बनारस में को रैली करने से रोक दिया था। उनके इस कदम का बीजेपी ने तब सख्त विरोध किया था और इन्हें बर्खास्त करने तक की मांग की थी। लेकिन आज चीजें बदल गई हैं। प्रांजल पीएम के साथ बड़ी सावधानी से समन्वय करके चल रहे हैं। वह पीएम की योजनाओं को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। गंगा नदी के तट पर बसे 3,000 साल पुराने इस शहर में प्रांजल मोदी की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू कर रहे हैं।
जब प्रांजल से पुरानी बातों और आज के रिश्तों के बारे में पूछा गया तो वह बेहद सतर्क दिखे। उन्होंने कहा पीएम से ऐसा समन्वय किसी तरह की बैठक के बाद नहीं हुआ है। प्रांजल ने इसका भी खुलासा किया कि कैसे पीएम सांसद निधि में मिलने वाली 5 करोड़ की राशि खर्च करना चाहते हैं। प्रांजल ने कहा कि मोदी ने इस रकम को पांच विधानसभा क्षेत्रों के बीच बराबर हिस्सों में बांट दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम का पूरा फोकस हैंडपंप, रोड और सोलर लाइट पर है।
मई 2014 में यादव ने बनारस में मोदी की तय रैली की अनुमित नहीं दी थी, जिससे नाराज़ बीजेपी के बड़े नेता मोदी के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद से प्रांजल की पीएम से तीन बार मुलाकात हो चुकी है। पीएम ने यादव से साफ कहा है कि वाराणसी के विकास के लिए वह हर तरह की बाधाओं को दूर करें।
प्रांजल यादव ने कहा, 'हमलोग जो भी काम करते हैं, उसका यहां के पीएम ऑफिस नियमित तौर पर समीक्षा करता है।' वह उस प्रतिनिधिमंडल के भी हिस्सा थे, जो जापान के क्योतो में इस बात का अध्ययन करने गया था कि कैसे किसी प्राचीन शहर की विरासत को नष्ट किए बिना विकसित किया जाता है।
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