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तिब्बत में आए तेज भूकंप में 32 की मौत, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल में महसूस किए गए झटके

काठमांडू की रहने वाली मीरा अधिकारी ने बताया कि जब भूकंप आया उस समय मैं सो रही थी कि अचानक बिस्तर हिलने लगा, मुझे लगा कि मेरा बच्चा बेड हिला रहा है. मैंने उतना ध्यान नहीं दिया, फिर तभी देखा कि खिड़की भी हिल रही है, इसके बाद मुझे लगा कि भूकंप आ गया है.

नेपाल में आए भूकंप का असर दिल्ली और बिहार तक.

भारत, नेपाल और बांग्लादेश में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए, हालांकि, कोई हताहत की खबर सामने नहीं आई है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, नेपाल और भारत के सिक्किम की सीमा के पास चीन के कंट्रोल वाले तिब्बत क्षेत्र में सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से करीब 91 किमी दूर था. भूकंप के झटके भूटान और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए.

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, बीती रात दक्षिणी ईरान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है. भूकंप का केंद्र धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत फैल गई। हालांकि, कोई क्षति की खबर सामने नहीं आई.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत में थोड़ी-थोड़ी देर में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह स्थानीय समयानुसार करीब 7:00 बजे दक्षिण-पश्चिम चीन के शिजांग इलाके में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद भी कई बार झटके महसूस किए गए.

भारत में पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में कई जगहों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. जानकारी के अनुसार, भूकंप के कारण जानमाल और क्षति के बारे में कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है.

गौरतलब है कि अप्रैल 2015 में नेपाल में काठमांडू के उत्तर-पश्चिम में शक्तिशाली भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई थी. भूकंप के कारण लगभग 9 हजार लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। बताया जाता है कि नेपाल भूवैज्ञानिक रूप से ऐसे क्षेत्र में बसा है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, जिससे हिमालय बनता है और इस वजह से अक्सर भूकंप आते रहते हैं.

करीब 5 सेकेंड तक हिली धरती, घर से बाहर निकले लोग

बिहार में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई. समस्तीपुर, मोतिहारी में समेत कई इलाकों में  सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर धरती कांपने लगी. जानकारी के मुताबिक करीब 5 सेकेंड तक धरती हिलती रही. भूकंप इतना तेज था कि लोग दहशत की वजह से घरों से बाहर निकलने लगे. 

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नेपाल में भूकंप के बाद कुछ ऐसा था नजारा, देखें VIDEO

सो रही थी अचानक बेड हिलने लगा : काठमांडू की मीरा

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काठमांडू की रहने वाली मीरा अधिकारी ने बताया कि जब भूकंप आया उस समय मैं सो रही थी कि अचानक बिस्तर हिलने लगा, मुझे लगा कि मेरा बच्चा बेड हिला रहा है. मैंने उतना ध्यान नहीं दिया, फिर तभी देखा कि खिड़की भी हिल रही है, इसके बाद मुझे लगा कि भूकंप आ गया है.

भूकंप आने की वजह?

पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जिस भी जगह पर ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है. जब ये प्लेट्स बार-बार टकराती हैं तो इनके कोने मुड़ते हैं. ज्यादा दबाव बनने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे दबी एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

भूकंप की कितनी तीव्रता खतरनाक?

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप सिर्फ सीज्मोग्राफ से पता चलता है
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का हिलती है
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर ऐसा लगता है कि कोई भारी वाहन नजदीक से गुजरा 
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर दीवारों पर कांच की खिड़कियां टूट सकती हैं
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल-डुल सकता है 
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है

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