विज्ञापन
Story ProgressBack

कांग्रेस के 6 पूर्व बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली, कोर्ट ने कहा- हम जानते थे...

छह पूर्व विधायक अब भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं. ये उपचुनाव उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के कारण हो रहे हैं. 

Read Time: 3 mins
कांग्रेस के 6 पूर्व बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली, कोर्ट ने कहा- हम जानते थे...
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने विधायकों को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है. (फाइल)
नई दिल्ली :

कांग्रेस (Congress) के छह पूर्व विधायकों ने उन्हें अयोग्य करार देने के हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में दाखिल अपनी याचिका शुक्रवार को वापस ले ली. पूर्व विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव मुखर्जी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं. पीठ ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा, ‘‘हम जानते थे कि चुनाव के कारण ऐसा होगा.''

छह पूर्व विधायक अब भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं. ये उपचुनाव उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के कारण हो रहे हैं. 

उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश में हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग' करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर रोक लगाने से 18 मार्च को इनकार कर दिया. 

29 फरवरी को दिया गया था अयोग्‍य 

छह असंतुष्ट विधायकों- सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो को सदन में उपस्थित रहने और कटौती प्रस्ताव तथा बजट के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के पक्ष में वोट करने के लिए कांग्रेस के व्हिप की अवज्ञा करने पर 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था. 

राज्य की छह विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव और चार लोकसभा सीट के लिए मतदान एक जून को होना है. 

छह विधानसभा सीटों पर एक जून को होना है मतदान 

निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को जारी अधिसूचना के अनुसार, धर्मशाला, सुजानपुर, लाहौल और स्पीति, बड़सर, गगरेट और कुटलेहर निर्वाचन क्षेत्रों में एक जून को चार लोकसभा सीट के साथ ही मतदान होना है. ये विधानसभा सीट छह विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हो गए थे. 

न्यायालय ने पूर्व विधायकों की याचिका पर अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के कार्यालय को नोटिस जारी किया था और चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था. 

शीर्ष अदालत ने कहा था कि उनकी याचिका पर फैसला आने तक इन अयोग्य विधायकों को वोट देने या विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 

बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन की प्रभावी ताकत 68 से घटकर 62 हो गई है, जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है. 

ये भी पढ़ें :

* झूठे वादों पर चुनाव जीतने का कांग्रेस का सपना चार जून को टूट जाएगा : अनुराग ठाकुर
* हिमाचल प्रदेश: निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा मामले में HC का फैसला सुरक्षित
* हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष पर तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने की जिम्मेदारी: राज्यपाल

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
बेटी की शादी, बेटे का फ्यूचर और कार की EMI... कैसे चलेगा दिल्ली एयरपोर्ट हादसे में जान गंवाने वाले कैब ड्राइवर का घर?
कांग्रेस के 6 पूर्व बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली, कोर्ट ने कहा- हम जानते थे...
अपनी मां सुषमा स्वराज की तरह बांसुरी स्वराज ने ली संस्कृत में सांसद पद की शपथ
Next Article
अपनी मां सुषमा स्वराज की तरह बांसुरी स्वराज ने ली संस्कृत में सांसद पद की शपथ
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;