हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश एमएस राम चंद्र राव और ज्योत्सना रिवालदुआ की अदालत में 3 निर्दलीय विद्यायको के इस्तीफे को स्पीकर द्वारा मंजूर न करने पर आज सुनवाई हुई. हिमाचल हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
हिमाचल प्रदेश स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पैरवी की. निर्दलीय के अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में इनकी बात रखी, और कहा कि सदस्यों द्वारा दिये इस्तीफ़े को स्पीकर नहीं रोक सकते. दोनों पक्षों को सुनने के बाद डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश के देहरा के विधायक होशियार सिंह, हमीरपुर के आशीष शर्मा और नालागढ़ के MLA के.एल. ठाकुर द्वारा स्पीकर को दिए इस्तीफ़े को स्वीकार न करने का मामला है. इन तीनों विधायकों ने हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विद्यायको के साथ पहले राज्यसभा में वोटिंग की, फिर उनके साथ पहले पंचकूला, फिर उत्तराखंड के ऋषिकेश चले गए थे. 6 विद्यायकों को स्पीकर ने डिस्कवलिफाई किया. 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी ज्वाइंन करने के बाद इस्तीफा दिया, जिसे स्पीकर ने मंजूर नहीं किया. इसके बाद निर्दलीय विधायक हाई कोर्ट चले गए.
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