फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
विपक्ष के 18 दल संसद के 17 जुलाई से शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र में नोटबंदी, जीएसटी एवं अन्य विभिन्न मुद्दों पर सरकार को मिलकर घेरेंगे.
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, इन दलों के नेताओं ने मंगलवार को यहां हुई बैठक में संसद सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों एवं व्यापक रणनीति पर विचार विमर्श किया गया. यह बैठक मुख्यत: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के प्रत्याशी के बारे में बुलाई गई थी. सूत्रों ने अपनी पहचान बताने से इंकार कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि 18 दल संसद के भीतर और बाहर जिन पांच मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे, उन्हें लेकर एक व्यापक सहमति बनी है. संसद के बाहर सरकार को सोशल मीडिया के जरिये घेरा जाएगा.
इन मुद्दों में 'नोटबंदी के दुष्प्रभाव', 'जीएसटी लागू करने में जल्दबाजी', 'किसानों का संकट एवं आत्महत्या' कथित 'राजनीतिक प्रतिशोध', देश के संघीय ढांचे का संरक्षण, फर्जी खबरों का फैलाव एवं लोगों को सांप्रदायिक रूप से भड़काना शामिल हैं.
कथित 'राजनीतिक प्रतिशोध' की चर्चा करते हुए सूत्रों ने कहा कि 'नारदा घोटाले' में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले तथा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के परिजनों एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिजनों पर छापे मारे गए.
मंगलवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, जदयू के शरद यादव, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, माकपा के सीताराम येचुरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल, बसपा के सतीश मिश्रा तथा 10 अन्य पार्टियों के नेता शामिल रहे. डेरेक से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बैठक में हुई चर्चा का ब्यौरा तो नहीं दिया, लेकिन कहा, 'हम सब एक टीम की तरह काम कर रहे हैं' और 'विपक्ष में एक आदमी द्वारा सब कुछ चलाए जाने जैसी बात नहीं है'. सूत्रों ने बताया कि बैठक में सपा के नरेश अग्रवाल ने सुझाव दिया कि विपक्षी दलों के बीच इस तरह का संवाद महीने में कम से कम एक बार तो होना चाहिए ताकि वे अपने रूखों के समन्वय कायम कर सकें.
सूत्रों ने कहा कि इस तरह की बैठकें न केवल दिल्ली बल्कि राज्य राजधानियों में भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार तय करने के मामले में आम सर्वसम्मति दिखाई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब डेरक से चर्चा शुरू करने को कहा तो उन्होंने गोपालकृष्ण गांधी का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सबने अनुमोदित कर दिया. उन्होंने कहा कि दूसरा कोई नाम नहीं रखा गया.
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस चूंकि दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है इसलिए उसे संयुक्त उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित करने का अवसर दिया गया. सबसे बड़े विपक्षी दल ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझे नाम का प्रस्तावित किया था.
राष्ट्रपति चुनाव में 17 विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था. जदयू ने इस चुनाव में राजग के उम्मीदवार का समर्थन किया, जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव में उसने विपक्षी दलों के उम्मीदवार का साथ देने की घोषणा की है.
(इनपुट भाषा से)
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, इन दलों के नेताओं ने मंगलवार को यहां हुई बैठक में संसद सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों एवं व्यापक रणनीति पर विचार विमर्श किया गया. यह बैठक मुख्यत: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के प्रत्याशी के बारे में बुलाई गई थी. सूत्रों ने अपनी पहचान बताने से इंकार कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि 18 दल संसद के भीतर और बाहर जिन पांच मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे, उन्हें लेकर एक व्यापक सहमति बनी है. संसद के बाहर सरकार को सोशल मीडिया के जरिये घेरा जाएगा.
इन मुद्दों में 'नोटबंदी के दुष्प्रभाव', 'जीएसटी लागू करने में जल्दबाजी', 'किसानों का संकट एवं आत्महत्या' कथित 'राजनीतिक प्रतिशोध', देश के संघीय ढांचे का संरक्षण, फर्जी खबरों का फैलाव एवं लोगों को सांप्रदायिक रूप से भड़काना शामिल हैं.
कथित 'राजनीतिक प्रतिशोध' की चर्चा करते हुए सूत्रों ने कहा कि 'नारदा घोटाले' में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले तथा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के परिजनों एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिजनों पर छापे मारे गए.
मंगलवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, जदयू के शरद यादव, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, माकपा के सीताराम येचुरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल, बसपा के सतीश मिश्रा तथा 10 अन्य पार्टियों के नेता शामिल रहे. डेरेक से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बैठक में हुई चर्चा का ब्यौरा तो नहीं दिया, लेकिन कहा, 'हम सब एक टीम की तरह काम कर रहे हैं' और 'विपक्ष में एक आदमी द्वारा सब कुछ चलाए जाने जैसी बात नहीं है'. सूत्रों ने बताया कि बैठक में सपा के नरेश अग्रवाल ने सुझाव दिया कि विपक्षी दलों के बीच इस तरह का संवाद महीने में कम से कम एक बार तो होना चाहिए ताकि वे अपने रूखों के समन्वय कायम कर सकें.
सूत्रों ने कहा कि इस तरह की बैठकें न केवल दिल्ली बल्कि राज्य राजधानियों में भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार तय करने के मामले में आम सर्वसम्मति दिखाई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब डेरक से चर्चा शुरू करने को कहा तो उन्होंने गोपालकृष्ण गांधी का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सबने अनुमोदित कर दिया. उन्होंने कहा कि दूसरा कोई नाम नहीं रखा गया.
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस चूंकि दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है इसलिए उसे संयुक्त उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित करने का अवसर दिया गया. सबसे बड़े विपक्षी दल ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझे नाम का प्रस्तावित किया था.
राष्ट्रपति चुनाव में 17 विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था. जदयू ने इस चुनाव में राजग के उम्मीदवार का समर्थन किया, जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव में उसने विपक्षी दलों के उम्मीदवार का साथ देने की घोषणा की है.
(इनपुट भाषा से)
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