नोटबंदी के दौरान आम लोगों को बैंकों से नोट बदलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नोटबंदी की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस फैसले से आतंकवादियों की कमर टूटेगी. लेकिन सरकार के तमाम दावों की पोल उस समय खुलने लगी जब नोटबंदी के दौरान एक तरफ देश का आम आदमी पाई-पाई के लिए मौहताज था, वहीं घाटी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना ने बड़ी मात्रा में भारत की नई मुद्रा बरामद हो रही थी.
घाटी में आतंकवादियों से नोटबंदी के दौरान कितनी भारतीय मुद्रा बरामद हुई, इस बात की जानकारी देने से केंद्र सरकार ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता. सूचना का अधिकार कानून के तहत गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर प्रभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बारे में सूचना केंद्रीय जन सम्पर्क अधिकारी के पास उपलब्ध नहीं है.
जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों से जब्त भारतीय मुद्रा के संबंध में यह उल्लेख किया जाता है कि इससे जुड़ी सूचना जम्मू-कश्मीर राज्य से संबंधित है. आप यदि पात्र हों ,तो जम्मू-कश्मीर सूचना का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सूचना प्राप्त कर सकते हैं. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जम्मू कश्मीर में लागू नहीं है. आरटीआई के तहत 8 नवंबर को नोटबंदी के निर्णय के बाद जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों से जब्त भारतीय मुद्रा के बारे में जानकारी मांगी गई थी.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों में यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि नोटबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर में बैंकों, कैश वैन एवं एटीएम की लूट के मामलों में करीब चार गुना वृद्धि हुई थी. संसद में पेश वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के चार मामलों में 19.55 लाख रुपये लूटे गए जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 तक ऐसे 15 मामलों में 1.48 करोड़ रुपये की लूट हुई.
दूसरी ओर, संसद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि देश के विभिन्न राज्यों में पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर माह तक बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 245 मामलों में 11.68 करोड़ रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 में बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 271 मामले दर्ज किए गए जिसमें 12.85 करोड़ रुपये की लूट हुई.
पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर तक आंध्र प्रदेश में बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 11 मामले हुए जो अक्तूबर से दिसंबर 2016 में घटकर 8 रह गए. अक्तूबर से दिसंबर के बीच 14.31 लाख रुपये की लूट हुई.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर माह तक बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 25 मामलों में 33.92 लाख रुपये लूटे गए जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 में ऐसे मामले बढ़कर 39 हो गए हालांकि लूटी गई राशि घटकर 23.67 लाख रुपये रही.
छत्तीसगढ़ में जुलाई से सितंबर 2016 के बीच बैंकों में लूट के 2 मामलों में 9.51 लाख रुपये की लूट हुई जो अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान बढ़कर तीन हो गई और इसमें 48.17 लाख रुपये की लूट हुई.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में जुलाई से सितंबर माह के बीच कैश वैन और एटीएम की लूट के 13 मामलों में 18.16 लाख रुपये की लूट हुई जो अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान बढ़कर 30 हो गई और इसमें 2.48 करोड़ रुपये की लूट हुई.
झारखंड में जुलाई से सितंबर के बीच बैंकों में लूट के 7 मामलों में 10.53 लाख रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान ऐसे मामले बढ़कर 11 हो गए और इसमें 81.47 लाख रुपये की लूट हुई.
कर्नाटक में जुलाई से सितंबर के बीच बैंकों में लूट के 6 मामलों में 14.64 लाख रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान ऐसे मामले बढ़कर 8 हो गए और इसमें 28.73 लाख रुपये की लूट हुई. मध्य प्रदेश में अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान कैश वैन और एटीएम लूट के 12 मामले दर्ज किये गए और इसमें 36.25 लाख रुपये की लूट हुई.
महाराष्ट्र में जुलाई से सितंबर के बीच बैंकों, एटीएम में लूट के 15 मामलों में 9.22 लाख रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान ऐसे मामले 13 रहे और इसमें 48.49 लाख रुपये की लूट हुई.
ओडिशा, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में अक्तूबर से दिसंबर के दौरान बैंकों, कैशवैन, एटीएम में लूट की घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
घाटी में आतंकवादियों से नोटबंदी के दौरान कितनी भारतीय मुद्रा बरामद हुई, इस बात की जानकारी देने से केंद्र सरकार ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता. सूचना का अधिकार कानून के तहत गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर प्रभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बारे में सूचना केंद्रीय जन सम्पर्क अधिकारी के पास उपलब्ध नहीं है.
जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों से जब्त भारतीय मुद्रा के संबंध में यह उल्लेख किया जाता है कि इससे जुड़ी सूचना जम्मू-कश्मीर राज्य से संबंधित है. आप यदि पात्र हों ,तो जम्मू-कश्मीर सूचना का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सूचना प्राप्त कर सकते हैं. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जम्मू कश्मीर में लागू नहीं है. आरटीआई के तहत 8 नवंबर को नोटबंदी के निर्णय के बाद जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों से जब्त भारतीय मुद्रा के बारे में जानकारी मांगी गई थी.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों में यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि नोटबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर में बैंकों, कैश वैन एवं एटीएम की लूट के मामलों में करीब चार गुना वृद्धि हुई थी. संसद में पेश वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के चार मामलों में 19.55 लाख रुपये लूटे गए जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 तक ऐसे 15 मामलों में 1.48 करोड़ रुपये की लूट हुई.
दूसरी ओर, संसद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि देश के विभिन्न राज्यों में पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर माह तक बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 245 मामलों में 11.68 करोड़ रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 में बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 271 मामले दर्ज किए गए जिसमें 12.85 करोड़ रुपये की लूट हुई.
पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर तक आंध्र प्रदेश में बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 11 मामले हुए जो अक्तूबर से दिसंबर 2016 में घटकर 8 रह गए. अक्तूबर से दिसंबर के बीच 14.31 लाख रुपये की लूट हुई.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में पिछले वर्ष जुलाई से सितंबर माह तक बैंकों, कैश वैन और एटीएम की लूट के 25 मामलों में 33.92 लाख रुपये लूटे गए जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 में ऐसे मामले बढ़कर 39 हो गए हालांकि लूटी गई राशि घटकर 23.67 लाख रुपये रही.
छत्तीसगढ़ में जुलाई से सितंबर 2016 के बीच बैंकों में लूट के 2 मामलों में 9.51 लाख रुपये की लूट हुई जो अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान बढ़कर तीन हो गई और इसमें 48.17 लाख रुपये की लूट हुई.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में जुलाई से सितंबर माह के बीच कैश वैन और एटीएम की लूट के 13 मामलों में 18.16 लाख रुपये की लूट हुई जो अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान बढ़कर 30 हो गई और इसमें 2.48 करोड़ रुपये की लूट हुई.
झारखंड में जुलाई से सितंबर के बीच बैंकों में लूट के 7 मामलों में 10.53 लाख रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान ऐसे मामले बढ़कर 11 हो गए और इसमें 81.47 लाख रुपये की लूट हुई.
कर्नाटक में जुलाई से सितंबर के बीच बैंकों में लूट के 6 मामलों में 14.64 लाख रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान ऐसे मामले बढ़कर 8 हो गए और इसमें 28.73 लाख रुपये की लूट हुई. मध्य प्रदेश में अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान कैश वैन और एटीएम लूट के 12 मामले दर्ज किये गए और इसमें 36.25 लाख रुपये की लूट हुई.
महाराष्ट्र में जुलाई से सितंबर के बीच बैंकों, एटीएम में लूट के 15 मामलों में 9.22 लाख रुपये की लूट हुई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2016 के दौरान ऐसे मामले 13 रहे और इसमें 48.49 लाख रुपये की लूट हुई.
ओडिशा, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में अक्तूबर से दिसंबर के दौरान बैंकों, कैशवैन, एटीएम में लूट की घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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