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This Article is From Jan 12, 2022

विश्व बैंक ने भारत की GDP पर दिया सरकारी आंकड़ों से अलग आंकलन, इतनी होगी आर्थिक वृद्धि दर...

विश्व बैंक के मुताबिक, "चुनौतियों के बावजूद भारत के जीडीपी विकास को संरचनात्मक सुधार, अनुमान से बेहतर वित्तीय रिकवरी और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से समर्थन मिलेगा."

विश्व बैंक ने भारत की GDP पर दिया सरकारी आंकड़ों से अलग आंकलन, इतनी होगी आर्थिक वृद्धि दर...
नई दिल्ली:

विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 8.3% पर बरकरार रखते हुए कहा है कि बड़े पैमाने पर इकॉनमिक रिकवरी करना अभी बाकी है. विश्व बैंक का आंकलन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नेशनल स्टैटि‍स्टिक्स ऑफिस द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए लगाए गए अनुमानों से कम है. विश्व बैंक ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.3% रहने की बात दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि उसका यह आंकलन रिकवरी के बड़े पैमाने तक पहुंचने की संभावना पर आधारित है. पिछले साल जून 2021 में भी विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर 8.3% रहने का ही अनुमान जताया था.

इससे पहले पिछले हफ्ते देश के आंकड़ों का लेखा-जोखा रखने वाले मंत्रालय मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्पलिमेंटेशन के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने वर्ष 2021-22 के लिये पहले अग्रिम अनुमान में आर्थिक वृद्धि 9.2% रहने का अनुमान जताया था. सरकारी मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि कोविड से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद कृषि, खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के सुधरे प्रदर्शन के दम पर अर्थव्यवस्था के सुधरने की उम्मीद जताई गई. 

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की रिपोर्ट से भी पहले पिछले साल दिसंबर 2020 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने  अनुमान लगाया था कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी विकास दर 9.5% रहने का अनुमान लगाया था.

जबकि विश्व बैंक की की ताज़ा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगले वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी विकास दर 8.7%  रहेगी और उसके बाद के वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी विकास दर घट कर 6.8% आ जाएगी. यह उसके पिछले अनुमान से अधिक है. निजी निवेश के माहौल में सुधार, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना और ढांचागत निवेश में वृद्धि इस सुधार की वजह है.

विश्व बैंक के मुताबिक, "चुनौतियों के बावजूद भारत के जीडीपी विकास को संरचनात्मक सुधार, अनुमान से बेहतर वित्तीय रिकवरी और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से समर्थन मिलेगा."

इस रिपोर्ट के मुताबिक, "दक्षिण एशिया में 2021 के मध्य में स्वास्थ्य एवं आर्थिक गतिविधियों पर कोविड की दूसरी लहर ने प्रतिकूल असर डाला था. लेकिन अब आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर आ गई हैं."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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