कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में सत्ता में आई तो हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को आफसेट साझेदार के तौर पर समायोजित किया जाएगा और अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को राफेल सौदे से बाहर कर दिया जाएगा. मोइली ने कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर राफेल सौदा रद्द किए जाने से इनकार किया.
मोइली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हमारी सरकार आएगी, हम आफसेट साझेदार के तौर पर एचएएल का समर्थन करेंगे...निश्चित तौर पर हम इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘राफेल जेट में हमारा भरोसा है...यह अच्छा है...इसे रद्द नहीं किया जा सकता...यह हमारी ही संकल्पना है, हमने उसे एचएएल के साथ ही अंतिम रूप दिया था.''
उन्होंने रक्षा सौदे पर पार्टी के रुख को लेकर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी लड़ाकू विमान के खिलाफ नहीं बल्कि रक्षा सौदे की आड़ में किसी के द्वारा ‘‘गैरकानूनी लाभ'' के खिलाफ है. यह पूछे जाने पर कि क्या रिलायंस राफेल में आफसेट साझेदार के तौर पर बाहर होगी, उन्होंने उल्टा सवाल किया, ‘‘वह कंपनी अंदर कैसे रह सकती है?'' उच्चतम न्यायालय जाने के सवाल पर क्योंकि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अदालत को ‘‘झूठी सूचना'' दी, मोइली ने कहा कि उनकी मांग एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की है. उन्होंने कहा,‘‘कांग्रेस बहुत स्पष्ट है कि मात्र एक संयुक्त संसदीय समिति राफेल सौदे में जांच पड़ताल करने में सक्षम होगी...हम उच्चतम न्यायालय नहीं जा रहे हैं...हमने पूर्व में भी न्यायालय में अर्जी दायर नहीं की थी.''
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पूर्व में कांग्रेस नीत सरकारों द्वारा संयुक्त संसदीय समिति गठित किये जाने और उनका सामना करने को याद करते हुए मोइली ने कहा कि भाजपा सरकार सच्चाई छुपाना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर भारत में प्रत्येक संस्थान को कमजोर करने का आरोप लगाए जाने पर मोइली ने कहा कि यह एक ‘‘बड़ा मजाक'' है. भाजपा की संसद में चर्चा की मांग पर कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं की मूलभूत विशेषताएं नहीं जानती. उन्होंने कहा, ‘‘एक जेपीसी मामले की जांच कर सकती है. सौदे पर चर्चा पहले ही हो चुकी है. वे और क्या चर्चा चाहते हैं?''
VIDEO : संसद में राफेल पर बवाल
भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के खिलाफ उनके आरोपों पर मोइली ने कहा, ‘‘यह कहना सही नहीं है कि मैंने उन्हें झूठा कहा...एक टेलीविजन चैनल ने उसे संदर्भ से बाहर लिया.'' मोइली ने कहा, ‘‘मैंने उनसे पूछा कि क्या अच्छा है...मेरा मानना है कि ऐसे किसी मामले में सशस्त्र बलों या प्रमुखों किसी को भी, उन्हें राजनीतिक विवादों में अनावश्यक नहीं पड़ना चाहिए.'' उन्होंने सौदे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से काफी कुछ उद्धृत किया और कहा कि वह ‘‘भाजपा सरकार को क्लीन चिट नहीं था.''
(इनपुट भाषा से)
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