नीट से जुड़ा अध्यादेश आने से पहले ही नेताओं में श्रेय लेने के लिए होड़, बयानबाजी जारी

नीट से जुड़ा अध्यादेश आने से पहले ही नेताओं में श्रेय लेने के लिए होड़, बयानबाजी जारी

प्रतीकात्मक फोटो

मुंबई:

पूरे देश के लिए नीट एग्जाम लागू करने के फैसले पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश लाने का ऐलान बस क्या हुआ इसे लेकर नेताओं में प्रतिक्रिया देने की होड़ मच गई। महाराष्ट्र सरकार के मुखिया देवेन्द्र फडणवीस ने अध्यादेश लाने के लिए पहल की थी। उन्होंने केंद्र के फैसले का स्वागत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

राज्य मंत्री परिषद के सदस्य और राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने ऐलान कर दिया कि 2016 के मेडिकल और डेंटल कोर्सेस के सरकारी कालेज के दाखिले नीट मुक्त होंगे। जबकि निजी मेडिकल कालेजों में इन्ही कोर्सेस के लिए नीट लागू होगी।

इस बीच क्रेडिट लेने की होड़ में महाराष्ट्र के एनसीपी ने अलग कारनामा किया। पार्टी से विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे ने ट्वीट कर दावा किया कि अध्यादेश उनके आग्रह की बदौलत जारी हुआ है। लेकिन अपने ट्वीट के महज 3 घंटे में ही पार्टी ने अपनी भूमिका पर यू टर्न ले लिया। मुंडे ने प्रेस रिलीज जारी कर दावा किया कि नीट को लेकर केंद्र ने महाराष्ट्र के छात्रों के साथ इन्साफ नहीं किया है। मुंडे की प्रतिक्रिया के लिए शिक्षा मंत्री का बयान आधार बना।

महाराष्ट्र कांग्रेस भी क्रेडिट की इस होड़ में पिछड़ते हुए दिखना नहीं चाहती थी। इस दल ने केंद्रीय स्तर पर पहले ही लिखित में कहा था कि राज्यों के मसलों पर गंभीरता से गौर करना होगा। लेकिन एनसीपी के यू टर्न पर शुरुआत में असमंजस में खड़ी महाराष्ट्र कांग्रेस ने कह दिया कि केंद्र के अध्यादेश जारी करने के फैसले में राज्य सरकार 60% फेल हो गई।

यह सारी बयानबाजी तब हो रही थी जब केंद्र सरकार की कैबिनेट में नीट एग्जाम को लेकर दो अध्यादेश लाने पर केवल सहमति बनी है। अध्यादेश का मसौदा बनना, उस पर राष्ट्रपति की मुहर तो अभी दूर की बात है।


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