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This Article is From Aug 16, 2018

जानिए क्या हुआ जब अपनी ही सरकार गिराने वाले गिरधर गमांग से मिले थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

17 अप्रैल 1999 को लोकसभा में हुई इस घटना ने सबको हैरान कर दिया था, क्योंकि देश में ऐसा पहली बार हुआ था जब कोई सरकार महज एक वोट से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव हार गई.

जानिए क्या हुआ जब अपनी ही सरकार गिराने वाले गिरधर गमांग से मिले थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी अस्पताल में हुए भर्ती
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से अपने फैसलों की वजह से खासे प्रचलित हुए थे. चाहे बात पाकिस्तान जाने की हो या फिर परमाणु परीक्षण कराने का फैसला लेने की. उन्होंने अपने इन फैसलों से हमेशा अपने सहयोगी और विपक्ष में बैठे नेताओं को चौंकाया. उनका एक ऐसा ही फैसला 1999 में लोकसभा में उस वक्त हुआ जब उनकी सरकार महज एक वोट की कमी की वजह से 13 महीने के बाद गिर गई थी. सरकार गिरने के बाद उन्होंने फैसला किया कि उस शख्स से मिलेंगे जिन्होंने संसद में उनकी सरकार गिराने में निर्णायक भूमिका निभाई. इसके बाद उन्होंने उड़ीसा के गिरधर गमांग से मुलाकात की. 

17 अप्रैल 1999 अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया गया था?
देश में हुई 1998 के आम चुनाव में किसी भी पार्टी को पूरी तरह बहुमत नहीं मिला था लेकिन AIDMK के समर्थन से एनडीए ने केंद्र में सरकार बनाई थी. 13 महीने के बाद AIDMK ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार अल्पमत में आ गई. राष्ट्रपति ने सरकार को अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा. बसपा सुप्रीमो मायावती ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने की बात कही थी लेकिन आखिरी वक्त पर मायावती ने सदन में जाकर सरकार के खिलाफ वोट दिया.

यह भी पढ़ें: ... जब 15 साल पहले अटल सरकार के खिलाफ लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव

जब एक ही वोट से अविश्वास प्रस्ताव हार गई सरकार :
17 अप्रैल 1999 को लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पर जब वोटिंग हुई तब सरकार एक ही वोट से हार गई और इस तरह सरकार गिर गई. उस वक्त ओडिशा के मुख्यमंत्री गिरधर गमांग ने सरकार  के खिलाफ वोट दिया था. दरअसल बात यह थी जब गमांग ओडिशा के मुख्यमंत्री बने तब सांसद भी थे लेकिन विधायक नहीं थे. छह महीने के अंदर उनको विधायक बनकर मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाना था. सांसद के पद से उन्होंने इस्तीफ़ा नहीं दिया था. सांसद के रूप में गमांग वोट देने पहुंचे और कांग्रेस के सदस्य होने के नाते सरकार के खिलाफ वोट दिया. किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि सरकार एक ही वोट से गिर जाएगी और जब ऐसा हो गया तो गमांग सुर्खियों में आ गए. मुख्यमंत्री रहते हुए वोट देने के लिए पहुंचने पर उनकी आलोचना हुई.  

जब गमांग, वाजपेयी को स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे थे :
अगले चुनाव में एनडीए को बहुमत मिला और फिर अगले पांच साल तक अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे. 29 अक्टूबर, 1999 को ओडिशा में सुपर साइक्लोन की वजह से हज़ारों लोगों की मौत हुई. वाजपेयी ने साइक्लोन से हुई क्षति का जायज़ लेने के लिए ओडिशा का दौरा किया. 

VIDEO: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

गिरधर गमांग ने अपने उस पल के अनुभव को एनडीटीवी से साझा करते हुए बताया कि वह एयरपोर्ट वाजपेयी स्वागत करने के लिए पहुंचे थे. गमांग के मन में कई सवाल खड़े हो रहे थे. फिर धीरे-धीरे वाजपेयी फ्लाइट से उतरे और गमांग को देखते ही मुस्कुराने लगे. फिर भुवनेश्वर में दोनों के बीच कई घंटो तक बात हुई. वाजपेयी ने हर संभव मदद की. 

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