अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा, जब नेहरू जी गुस्सा होते थे तो वे कम से कम अच्छा भाषण दिया करते थे, हम उनकी चुटकी लेते थे, लेकिन इंदिरा के साथ ऐसा नहीं है.
नई दिल्ली:
देश के राजनैतिक फलक पर छाप छोड़ने वाले चुनिंदा प्रधानमंत्रियों का जब जिक्र होता है तो इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शीर्ष पर आता है. अपनी सख्त छवि के लिए मशहूर इंदिरा गांधी से शायद ही कोई नेता उलझना चाहता था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी अक्सर उन्हें तमाम मुद्दों पर संसद में घेर लेते और सवालों का जवाब देने पर मजबूर कर देते. यह किस्सा है वर्ष 1970, यानी भाजपा के गठन से करीब एक दशक पहले का. तब जनसंघ हुआ करता था और अटल बिहारी वाजपेयी इसके शीर्ष नेताओं में से एक थे. तारीख थी 26 फरवरी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सदन में खड़ी हुईं और उन्होंने 'भारतीयता' के मुद्दे पर जनसंघ को घेर लिया और तंज कसते हुए कहा कि, 'मैं जनसंघ जैसी पार्टी से 5 मिनट में निपट सकती हूं'. उस अटल बिहारी वाजपेयी सदन में जनसंघ के नेता थे. पार्टी पर इंदिरा गांधी की इस टिप्पणी से वे बिफर पड़े. अटल जी अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि, 'पीएम कहती हैं कि वे जनसंघ से 5 मिनट में निपट सकती हैं, क्या कोई लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री ऐसा बोल सकता है?. मैं कहता हूं कि 5 मिनट में आप अपने बालों को ठीक नहीं कर सकती हैं फिर हमसे कैसे निपटेंगी'.
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वरिष्ठ पत्रकार और लेखक किंगशुक नाग अपनी किताब 'अटल बिहारी वाजपेयी- अ मैन फॉर ऑल सीजंस' में इस घटना का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि अटल जी यहीं नहीं रुके. उन्होंने इंदिरा गांधी को जवाब में कहा कि, ' जब नेहरू जी गुस्सा होते थे तो वे कम से कम अच्छा भाषण दिया करते थे, हम उनकी चुटकी लेते थे, लेकिन हम इंदिरा के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि वह खुद गुस्सा हो जाती हैं'. जनसंघ पर टिप्पणी का जवाब देने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी द्वारा जनसंघ की 'भारतीयता' की अवधारणा पर उठाये गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था, 'वह भारतीयता के मायने को ठीक से नहीं समझती हैं, भारतीयता सिर्फ मुस्लिमों से नहीं जुड़ी हुई है. इसमें 52 करोड़ देशवासी समाहित हैं'. इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच मतभेद और तीखी टिप्पड़ी का दौर अक्सर चलता रहता था. इसी तरह के एक मोड़ पर अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी की सरकार को 'सपेरा' की संज्ञा दे डाली थी. उन्होंने कहा कि, 'जिस तरह सपेरा हमेशा अपने सांप को बक्से में बंद रखता है, ठीक उसी तरह यह सरकार तमाम समस्याओं को एक बक्से में बंद रखती है और सोचती है कि इनका अपने आप हल हो जायेगा'.
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VIDEO:पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत स्थिर
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