यह ख़बर 01 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हमें चीन सीमा से सटे क्षेत्रों को विकसित करने का पूरा हक है : किरण रिजिजू

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

सीमा के पास आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने की योजना को लेकर चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सरकार ने आज कहा कि उसे भारतीय क्षेत्र में इस तरह की परियोजनाओं को लागू करने का पूरा अधिकार है और उसे कोई नहीं रोक सकता।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, 'हम कुछ ऐसी आधारभूत गतिविधियां चलाएंगे, जिन्हें पिछले 60 साल में नहीं किया गया। चीनियों को मेरे बयान से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.. वे मुझे मेरा काम करने से नहीं रोक सकते।'

गौरतलब है कि चीन ने हाल में रिजिजू के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी कि भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के तवांग में मागो-थिंगबू से चांगलांग जिले के विजयनगर तक एक सड़क बनाने की योजना बना रहा है जो मैकमोहन लाइन के परे चीन के सड़क ढांचे के अनुरूप होगी।

चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता कह चुके हैं, 'चीन-भारत सीमा के पूर्वी भाग में विवाद है। उसके अंतिम समाधान होने तक, हम उम्मीद करते हैं कि भारत कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगा जिससे स्थिति और जटिल बन जाए।'

रिजिजू ने आज कहा कि वह भारतीय क्षेत्र में सीमा के आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सरकार की योजना का केवल जिक्र कर रहे हैं, न कि चीनी क्षेत्र के बारे में।

रिजिजू ने कहा, 'मैंने यह नहीं कहा था कि हम उनके क्षेत्र में कुछ करने जा रहे हैं। मैं अरुणाचल प्रदेश से एक सांसद हूं। मेरा संवैधानिक ढंग से निर्वाचन हुआ है और अपने क्षेत्र में जो कुछ भी सही है, उसे करने का मेरा संवैधानिक अधिकार एवं दायित्व है। मैं सीमा प्रबंधन भी देख रहा हूं।'

मैकमोहन लाइन के पास रेलवे लाइन बनाने की चीन की योजना के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है।

उन्होंने कहा, 'वे इसे बहुत लंबे समय से कर रहे हैं और वह भी व्यापक तरीके से। मेरी चिंता है कि हम अपने क्षेत्र में जो आवश्यक समझते हैं उसे हम करना चाहते हैं।'

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इससे पहले भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) प्राइवेट क्योरिटी उद्योग के एक समारोह को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की भूमिका को बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने 2005 में बनाये गये प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज कानून को पूरी तरह से लागू नहीं किए जाने पर चिंता जताई।