अब्दुल बासित (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत ही हर समस्या का हल है और कोई बेवकूफ ही सोच सकता है कि जंग से किसी समस्या का समाधान हो सकता है। यह कहना है पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित का।
बासित जिस कार्यक्रम में बोल रहे थे उसमें इससे पहले के वक्ताओं ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एटमी हथियार के इस्तेमाल से दिल्ली को पांच मिनट में तबाह कर देने की कूवत की बात कही थी। हालांकि कार्यक्रम के बाद जब बासित से कादिर के बयान को लेकर सीधा सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि पाकिस्तान अपनी आपरेशनल बातों को सार्वजनिक तौर पर साझा नहीं करता।
भारत-पाक बातचीत अभी तक शुरू नहीं
इस मौके पर अब्दुल बासित ने यह भी कहा है कि पठानकोट मामले को तकरीबन पांच महीने बीत गए लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह जल्द ही शुरू होगी क्योंकि बातचीत ही सभी समस्याओं का हल है। हालांकि मार्च में हार्ट आफ एशिया के अधिकारी स्तर के सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की आपस में अलग से बातचीत हुई थी लेकिन यह बात औपचारिक बातचीत की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर सीमित रही थी।
एनआईए दौरे पर साफ जवाब नहीं
जब बासित से पूछा गया कि भारतीय जांच एजेंसी का पाकिस्तान दौरा कब तक संभव हो पाएगा? तो बासित ने जवाब दिया कि पठानकोट मामले में हम हर तरह से सहयोग कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही तह तक पहुंचेंगे।
अफगानिस्तान में बाहरी देश दखल न दें
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त का कहना है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान जो कुछ भी कर सकता है कर रहा है। अफगानिस्तान की बेहतरी के लिए तमाम पड़ोसी मुल्कों का साथ जरूरी है। लेकिन भारत को भी यह देखना है कि कोई भी बाहरी ताकत इसमें दखल न दे।
गौरतलब है कि भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है जो पाकिस्तान को अच्छा नहीं लगता। जून के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री पांच देशों की यात्रा पर निकल रहे हैं जिसमें अफगानिस्तान भी शामिल है। वहां वे हेरात प्रांत में सलमा डैम का उद्घाटन करेंगे जिसे भारत के सहयोग से बनाया गया है।
बासित जिस कार्यक्रम में बोल रहे थे उसमें इससे पहले के वक्ताओं ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एटमी हथियार के इस्तेमाल से दिल्ली को पांच मिनट में तबाह कर देने की कूवत की बात कही थी। हालांकि कार्यक्रम के बाद जब बासित से कादिर के बयान को लेकर सीधा सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि पाकिस्तान अपनी आपरेशनल बातों को सार्वजनिक तौर पर साझा नहीं करता।
भारत-पाक बातचीत अभी तक शुरू नहीं
इस मौके पर अब्दुल बासित ने यह भी कहा है कि पठानकोट मामले को तकरीबन पांच महीने बीत गए लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह जल्द ही शुरू होगी क्योंकि बातचीत ही सभी समस्याओं का हल है। हालांकि मार्च में हार्ट आफ एशिया के अधिकारी स्तर के सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की आपस में अलग से बातचीत हुई थी लेकिन यह बात औपचारिक बातचीत की प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर सीमित रही थी।
एनआईए दौरे पर साफ जवाब नहीं
जब बासित से पूछा गया कि भारतीय जांच एजेंसी का पाकिस्तान दौरा कब तक संभव हो पाएगा? तो बासित ने जवाब दिया कि पठानकोट मामले में हम हर तरह से सहयोग कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही तह तक पहुंचेंगे।
अफगानिस्तान में बाहरी देश दखल न दें
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त का कहना है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान जो कुछ भी कर सकता है कर रहा है। अफगानिस्तान की बेहतरी के लिए तमाम पड़ोसी मुल्कों का साथ जरूरी है। लेकिन भारत को भी यह देखना है कि कोई भी बाहरी ताकत इसमें दखल न दे।
गौरतलब है कि भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है जो पाकिस्तान को अच्छा नहीं लगता। जून के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री पांच देशों की यात्रा पर निकल रहे हैं जिसमें अफगानिस्तान भी शामिल है। वहां वे हेरात प्रांत में सलमा डैम का उद्घाटन करेंगे जिसे भारत के सहयोग से बनाया गया है।
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