मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय व्यापमं घोटाले में कथित संलिप्तता के चलते मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को उनके पद से हटाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। ग्वालियर के कुछ वकीलों ने राज्यपाल के खिलाफ यह याचिका दायर की थी।
इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि रामनरेश यादव पर आरोप हैं कि उन्होंने पांच उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की थी, जिन्हें अनुचित तरीके से फोरेस्ट गार्ड के रूप में बहाल किया गया। ऐसे आरोप के बीच वह राज्यपाल कैसे बने रह सकते हैं।
याचिका में यह भी कहा गया कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्यपाल को इम्यूनिटी (संरक्षण) प्राप्त होने की बात कहकर एफआईआर खारिज कर दी।
याचिका के मुताबिक तमाम आरोपों और एसआईटी की जारी जांच के बीच मौजूदा राज्यपाल को कार्यकारी, विधायी, न्यायिक और वित्तीय संवैधानिक कार्यों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, जिसमें जजों की नियुक्ति पर सलाह-मशविरा करने का काम भी शामिल है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को राज्यपाल को हटाने का निर्देश देना चाहिए।
इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि रामनरेश यादव पर आरोप हैं कि उन्होंने पांच उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की थी, जिन्हें अनुचित तरीके से फोरेस्ट गार्ड के रूप में बहाल किया गया। ऐसे आरोप के बीच वह राज्यपाल कैसे बने रह सकते हैं।
याचिका में यह भी कहा गया कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्यपाल को इम्यूनिटी (संरक्षण) प्राप्त होने की बात कहकर एफआईआर खारिज कर दी।
याचिका के मुताबिक तमाम आरोपों और एसआईटी की जारी जांच के बीच मौजूदा राज्यपाल को कार्यकारी, विधायी, न्यायिक और वित्तीय संवैधानिक कार्यों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, जिसमें जजों की नियुक्ति पर सलाह-मशविरा करने का काम भी शामिल है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को राज्यपाल को हटाने का निर्देश देना चाहिए।
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