सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
आश्रमों, मदरसों व कैथोलिक संस्थाओं जैसे धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से यौन उत्पीडन की रोकथाम के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू करने की मांग उठी है.इसको लेकर वकील मनीष पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है.सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में डेरा सच्चा सौदा, आसाराम, केरल नन केस के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं से यौन उत्पीडन के मामलों का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि ऐसे स्थानों पर महिलाओं की शिकायतों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए विशाखा गाइडलाइन को इन जगहों पर भी लागू किया जा जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि जहां भी धार्मिक शिक्षा दी जाती हो या प्रवचन दिए जाते हों, वहां ये व्यवस्था लागू हो.
पादरियों के यौन दुराचार पर क्या बोले थे आर्कबिशप
केरल में कई पादरियों पर यौन दुराचार के आरोपों को आर्कबिशप सूसा पाकियम शर्मनाक करार दे चुके हैं. उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि कैथोलिक गिरजाघर में वर्तमान घटनाएं उसके लिए शर्म की बात हैं. पाकियम ने उम्मीद जतायी कि उस मामले में न्याय होगा जिसमें एक नन ने एक बिशप पर बलात्कार का आरोप लगाया है. जालंधर के बिशप फ्रांको मुलाक्कल पर लगे बलात्कार के आरोप के बारे में पूछे जाने पर आर्कबिशप ने कहा , ‘उस मामले में न्याय होना चाहिए. यही गिरजाघर का रूख है.' केरल कैथोलिक बिशप परिषद के अध्यक्ष पकियम ने कहा कि वह एक सार्वजनिक बयान देने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो कि गिरजाघर में दो लोगों के बीच हुआ है.
आपको बता दें कि बीते दिनों केरल के एक स्थानीय चर्च के चार पादरियों पर एक महिला ने यौन शौषण का आरोप लगाया था. पुलिस को दिए बयान में महिला ने आरोप लगाया था कि उसके साथ पादरियों ने रेप और ब्लैकमेल किया. पादरियों के खिलाफ पुलिस ने रेप और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है. महिला के पति की शिकायत के बाद 5 पादरियों चर्च ने उनकी ड्यूटी से भी हटा दिया था. महिला के पति ने आरोप लगाया था कि इन पादरियों ने चर्च में ईश्वर के समक्ष पाप स्वीकार करने आई महिला के साथ यौन उत्पीड़न किया. पादरियों ने महिला की स्वीकारोक्ति का इस्तेमाल ब्लैकमेल करने के लिए किया. चर्च ने इस मामले में एक आंतरिक जांच शुरू की है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से केरल में एक ऑडियो टेप वायरल हो रहा है. जिसमें महिला का पति पूरी घटना के बारे में बताता सुनाई दे रहा है. वह कह रहा है कि आरोपियों में से एक पादरी ने तो शादी के पहले ही उनकी पत्नी के साथ यौन उत्पीड़न किया. शादी के बाद भी पादरी ने उनकी पत्नी के साथ यौन दुर्व्यवहार किया. घटना सामने आने के बाद चौतरफा कार्रवाई की मांग उठी है.
वीडियो-गैंगरेप पीड़ित बुजुर्ग नन ने कोलकाता छोड़ा
पादरियों के यौन दुराचार पर क्या बोले थे आर्कबिशप
केरल में कई पादरियों पर यौन दुराचार के आरोपों को आर्कबिशप सूसा पाकियम शर्मनाक करार दे चुके हैं. उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि कैथोलिक गिरजाघर में वर्तमान घटनाएं उसके लिए शर्म की बात हैं. पाकियम ने उम्मीद जतायी कि उस मामले में न्याय होगा जिसमें एक नन ने एक बिशप पर बलात्कार का आरोप लगाया है. जालंधर के बिशप फ्रांको मुलाक्कल पर लगे बलात्कार के आरोप के बारे में पूछे जाने पर आर्कबिशप ने कहा , ‘उस मामले में न्याय होना चाहिए. यही गिरजाघर का रूख है.' केरल कैथोलिक बिशप परिषद के अध्यक्ष पकियम ने कहा कि वह एक सार्वजनिक बयान देने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो कि गिरजाघर में दो लोगों के बीच हुआ है.
आपको बता दें कि बीते दिनों केरल के एक स्थानीय चर्च के चार पादरियों पर एक महिला ने यौन शौषण का आरोप लगाया था. पुलिस को दिए बयान में महिला ने आरोप लगाया था कि उसके साथ पादरियों ने रेप और ब्लैकमेल किया. पादरियों के खिलाफ पुलिस ने रेप और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है. महिला के पति की शिकायत के बाद 5 पादरियों चर्च ने उनकी ड्यूटी से भी हटा दिया था. महिला के पति ने आरोप लगाया था कि इन पादरियों ने चर्च में ईश्वर के समक्ष पाप स्वीकार करने आई महिला के साथ यौन उत्पीड़न किया. पादरियों ने महिला की स्वीकारोक्ति का इस्तेमाल ब्लैकमेल करने के लिए किया. चर्च ने इस मामले में एक आंतरिक जांच शुरू की है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से केरल में एक ऑडियो टेप वायरल हो रहा है. जिसमें महिला का पति पूरी घटना के बारे में बताता सुनाई दे रहा है. वह कह रहा है कि आरोपियों में से एक पादरी ने तो शादी के पहले ही उनकी पत्नी के साथ यौन उत्पीड़न किया. शादी के बाद भी पादरी ने उनकी पत्नी के साथ यौन दुर्व्यवहार किया. घटना सामने आने के बाद चौतरफा कार्रवाई की मांग उठी है.
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