सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा की है. पुराने वाहनों को सड़क से हटाने की इस नीति को लेकर उन्होंने कहा कि यह गरीबविरोधी नहीं है और इससे सबका फायदा होगा. स्वच्छ पर्यावरण, वाहन चालक एवं पदयात्रियों की सुरक्षा के हित में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय voluntary Vehicle Fleet Modernization Program (VVMP) अथवा स्क्रैपिंग नीति की शुरुआत कर रही है.
गडकरी ने कहा कि 'यह एक ऐसी 'Win-Win Policy' होगी जिससे कि न केवल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि नए वाहन को खरीदने के लिए सामान्य जनमानस को आर्थिक सहूलियत भी मिलेगी.' उन्होंने कहा कि इस नीति से पेट्रोल की कार, डीजल से चलने वाली गाड़ी और इलेक्ट्रिक गाड़ी की कीमत 2 साल में बराबर हो जाएगी.
नीति का क्या है उद्देश्य?
भारत में 51 लाख हल्के मोटर वाहन है जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 34 लाख हल्के मोटर वाहन जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं. वैध फिटनेस प्रमाण-पत्र के बिना लगभग 17 लाख मध्यम और भारी कॉमर्शियल वाहन है जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं. पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना अधिक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए एक भारी भी जोखिम बनते हैं. गडकरी ने कहा कि देश में लगभग 8 लाख करोड़ का क्रूड तेल आयात होता है जिससे न केवल देश की आर्थिक परिस्थिति पर दबाव पड़ता है पर पुराने वाहनों की पुरानी एमिशन तकनीक की वजह से अत्यधिक प्रदूषण भी होता है. यह नीति एक ऐसी परिस्थिति निर्माण करेगी जिससे स्क्रैपिंग सेंटर, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, कंपोनेंट इंडस्ट्री और सामान्य लोग, इन सबका फायदा होगा.
स्क्रैपिंग पॉलिसी से क्या-क्या फायदे होंगे?
गडकरी ने बताया कि गाड़ियों के स्केप्पिंग के वजह से जो स्क्रैप मटीरियल तैयार होगा उससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सस्ते दाम में कच्चा माल प्राप्त होगा, उससे वाहन बनाने की लागत कम होगी, वाहन के मालिक को व्हीकल का स्क्रैप मूल्य जो लगभग 4 से 6 प्रतिशत होता है वो उसे मिलेगा और एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट भी मिलेगा. स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के आधार पर नया वाहन खरीदने के लिए 5 फीसदी की छूट भी मिलेगी और रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में भारी छूट भी मिलेगी. इससे लोग नए वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर की सेल्स और बढ़ेगी.
ऑटोमोबाइल सेक्टर लगभग 3.7 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देती है और इसका कुल टर्नओवर 7.2 लाख करोड़ का है. स्क्रैपिंग पालिसी के लागू होने पर न केवल इन आंकड़ों में वृद्धि होगी पर स्क्रैपिंग सेंटरों, ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटरों की वजह से 10,000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश और 35,000 लोगों को सीधा रोजगार मिलने की सम्भावना है . सीधा रोजगार यानी कि एलाइड सर्विस सेक्टर, RaD जैसे क्षेत्रों में और भी ज्यादा लोगो को रोजगार मिलने की बहुत प्रबल सम्भावना है.
स्क्रैप मटीरियल से ऐसी चीजें भी प्राप्त होंगी जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी के रिसर्च में काम आएंगी. उदहारण के लिए NDFE मैगनेट, जो एक दुर्लभ तत्व "Neodymium"से मिलता है वो एक काफी महत्त्वपूर्ण मैगनेट है जो EV में लगता है.
नीति में गाड़ियों के स्क्रैपेज को लेकर क्या है प्रावधान?
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसी वाहन का फिटनेस टेस्ट में असफल होने या इसके रजिस्ट्रेश प्रमाण-पत्र का नवीकरण करने में असफल होने पर इसे ऐंड ऑफ लाइफ व्हीकल घोषित कर दिया जाएगा. वाहनों की फिटनेस निर्धारित करने के लिए मापदंड मुख्यत: एमिशन, टेस्ट, ब्रेकिंग, कई अन्य परीक्षणों के मध्य संरक्षा उपस्करों जो केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार है.
- यह प्रस्ताव है कि यदि निजी वाहन 20 वर्ष के पश्चात अनफिट पाया जाता है अथवा रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र का नवीकरण कराने में विफल रहता है तो अनिवार्य रूप से डी-रजिस्टर कर दिया जाएगा. इसे बढ़ावा देने से रोकने के उपाय के रूप में फिटनेस प्रमाण-पत्र के लिए बढ़ा हुआ री-रजिस्ट्रेशन शुल्क प्राथमिक रजिस्ट्रेशन की तिथि से 15 वर्ष तक के निजी वाहन के लिए लागू होगा.
- यह प्रस्ताव है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर निगम, पंचायतों, राज्य परिवहन उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और केंद्र तथा राज्य सरकारों के स्वायत्त निकायों के सभी वाहनों को रजिस्ट्रेशन की तारीख से 15 वर्ष के बाद अनिवार्य रूप से डी-रजिस्टर और स्क्रैप किया जाएगा.
- यह योजना पुराने वाहनों के मालिकों को पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्रों, जो मालिकों को स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे, के जरिए पुराने और अनफिट वाहनों को स्क्रैप करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी.
इन वित्तीय प्रोत्साहनों में शामिल हैं:
(1). स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा पुराने वाहन के लिए दिया गया स्क्रैप मूल्य, जो एक नए वाहन के एक्स-शोरूम मूल्य का लगभग 4-6% है.
(2). सड़क कर से निजी वाहनों के लिए 25% तक और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15% तक की छूट का लाभ भी उठाया जा सकता है.
(3). वाहन विनिर्माताओं को स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र के एवज में नए वाहन की खरीदी पर 5% की छूट प्रदान करने की भी सलाह दी गई है.
(4). इसके अलावा, स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र के एवज में नया वाहन खरीदने के लिए पंजीकरण शुल्क भी माफ किया जाएगा.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पूरे भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) की स्थापना को बढ़ावा देगा और इस तरह के केंद्रों को खोलने के लिए सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा.
- यह प्रस्ताव भी है कि गुजरात के अलंग में एक Integrated Vehicle Scrapping Facility खोला जाए और ऐसे कई Facilities खोले जाएं, जिससे विभिन्न टेक्नोलॉजीज का एक साथ प्रयोग किया जाए. एकल खिड़की के माध्यम से स्क्रैपिंग सुविधा को एक सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया के साथ पर्यावरण और प्रदूषण मानदंडों और कानून के सभी लागू अधिनियमों का अनुपालन करना होगा.
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्क्रैपिंग केंद्रों में पार्किंग की पर्याप्त सुविधा, वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को समाप्त करने वाले प्रदूषणनाशक उपकरण और खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन तथा निपटान की पर्याप्त सुविधाएं हों. इसी तरह, मंत्रालय राज्य सरकार, निजी क्षेत्र, ऑटोमोबाइल कंपनियों आदि दवारा पीपीपी मॉडल पर स्वचालित फिटनेस केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा देगा.
- इन केंद्रों में टेस्ट-लैन, आईटी सर्वर, पार्किंग और वाहनों की निर्बाध आवाजाही के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए. हितों के टकराव से बचने के लिए, फिटनेस केंद्र के संचालक केवल परीक्षण सुविधा प्रदान करेंगे और मरम्मत/बिक्री की अतिरिक्त सेवाएं प्रदान नहीं करेंगे. फिटनेस केंद्र के लिए ऑनलाइन समय लिया जा सकेगा और परीक्षण रिपोर्ट भी इलेक्ट्रॉनिक मोड में तैयार की जाएगी.
प्रस्तावित स्क्रैपिंग नीति के आवेदन के लिए संभावित समय-सीमा इस प्रकार है-
(1). फिटनेस परीक्षण और स्क्रैपिंग केंद्रों के लिए नियम: 01 अक्टूबर, 2021
(2). 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों के वाहनों की स्क्रैपिंग: 01 अप्रैल, 2022
(3). 2023 भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण अनिवार्य: 01 अप्रैल
(4). अन्य सभी श्रेणियों के लिए चरणबद्ध तरीके से फिटनेस परीक्षण अनिवार्य: 01 जून, 2024
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