तूतीकोरिन प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को जारी रखने के लिए वेदांता (Vedanta) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दाखिल की है. मामले में वेदांता की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को जारी रखने की इजाजत दी जाए. तमिलनाडु सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि राज्य के पास पर्याप्त ऑक्सीजन है. अब संयंत्र को चलाए जाने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 6 अगस्त (शुक्रवार) को सुनवाई करेगा.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को वेदांता को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्थित उसके ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन की अनुमति 31 जुलाई तक दे दी थी और कहा था कि ऑक्सीजन की ''राष्ट्रीय आवश्यकता'' के मद्देनजर यह आदेश पारित किया गया है. कोर्ट ने कहा था कि वेदांता को 31 जुलाई 2021 तक ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन की अनुमति दी गई है, जिसके बाद कोविड-19 महामारी से उपजे जमीनी हालात की समीक्षा की जाएगी.
गौरतलब है कि संयंत्र के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद 21 और 22 मई 2018 को पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत के बाद इसे बंद कर दिया गया था. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर तथा न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट की पीठ ने 27 अप्रैल के अपने आदेश में कहा था कि ऑक्सीजन उत्पादन के लिए संयंत्र खोलने से जुड़े आदेश की आड़ में वेदांता को तांबा गलाने वाले संयंत्र में प्रवेश और उसके संचालन की अनुमति नहीं दी गई है. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि वेदांता द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिये क्योंकि इस समय राष्ट्र संकट का सामना कर रहा है.
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कोर्ट ने यह भी कहा था कि वेदांता को ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन की अनुमति देने का आदेश किसी भी तरह से कंपनी के हित में किसी प्रकार का सृजन नहीं माना जाएगा. वेदांता का तूतीकोरिन प्लांट प्रदूषण चिंताओं को लेकर मई 2018 से बंद है.
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