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This Article is From Nov 23, 2014

एकजुट हुए विपक्ष की वजह से शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार

एकजुट हुए विपक्ष की वजह से शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार
नई दिल्ली:

कई विपक्षी दलों ने बीमा विधेयक का विरोध करने और काला धन के मुद्दे पर सरकार को घेरने का इरादा बनाया है और ऐसे में संसद का सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर मिल जुलकर संसद में आगे बढ़ा जा सकता है और उम्मीद जताई कि महीने भर चलने वाला यह सत्र भी बजट सत्र की भांति 'बहुत अच्छी तरह' गुजरेगा।

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र अच्छी तरह गुजरा था और यह रचनात्मक और सफल था। हम आशा करते हैं कि शीतकालीन सत्र भी उसी तर्ज पर रहेगा।'

नायडू के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों को लेने के लिए तैयार है। सामूहिक विवेक से, सभी दलों के मुद्दों को आगे बढ़ाया जा सकता है।

इस बैठक में 26 दलों के 40 नेताओं ने हिस्सा लिया। तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की उपस्थिति नहीं थी। वहीं वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और बसपा ने बीमा विधेयक के विरोध का साझा मुद्दा बनाने का निर्णय किया है और व्यापक विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस से उन्हें समर्थन देने को कहा है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीमा विधेयक पर विपक्ष की मुहिम को समर्थन देने के बारे में कहा कि पार्टी पहले यह देखेगी कि सरकार किस तरह का संशोधन लाती है।

हालांकि नायडू ने विपक्ष की मुहिम को तवज्जो न देते हुए उम्मीद जताई कि ये दल देश के मूड और लोगों के जनादेश की भावना को समझेंगे और सरकार को सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी विधेयक हमारी प्राथमिकता है। विकास के राष्ट्रीय एजेंडे को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है। निवेश, अर्थव्यवस्था में सुधार और जनता की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना प्राथमिकता है। बीमा विधेयक उसी दिशा में एक कदम है।

नायडू ने कहा कि बीमा विधेयक अंतिम रूप दिए जाने के अग्रिम चरण में है और चूंकि संबंधित संसदीय स्थायी समिति के दो सदस्य मंत्री बन गये हैं, दो नए सदस्यों को जल्द शामिल किया जायेगा और समिति से अनुरोध किया जाएगा कि वह सत्र के पहले सप्ताह की समाप्ति तक अपनी रिपोर्ट दे दे।

नायडू ने इन खबरों को भी खारिज किया कि तृणमूल कांग्रेस को आज की बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था और कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पार्टी के नेता से बात की थी जबकि संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बैठक के बारे में पार्टी को सूचित किया था।

एक माह तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, जिमसें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए रखे गए हैं।

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