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This Article is From Dec 05, 2016

काले धन को सफ़ेद करने के आरोप में एक्सिस बैंक के दो मैनेजर गिरफ्तार

काले धन को सफ़ेद करने के आरोप में एक्सिस बैंक के दो मैनेजर गिरफ्तार
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी को व्हाइट करने वाले बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ है. इस मामले में एक्सिस बैंक के दो मैनेजरों को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों को कोर्ट ने सात दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया है.

दोनों प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में हैं. यह दोनों एक्सिस बैंक की कश्मीरी गेट ब्रांच में कार्यरत हैं. मैनेजर विनीत गुप्ता और शोभित सिन्हा पर आरोप है कि यह नोटबंदी के बाद गलत तरीके से बैंक में पुराने नोटों को जमा कर कमीशन के तौर पर सोने की ईंटें ले रहे थे. इस तरह इन्होंने अपने बैंक में करीब 39 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी जमा की.

ईडी के मुताबिक पूरा मामला तब सामने आया जब इसी बैंक के बाहर से एक होंडा सिटी कार के अंदर से 10 दिन पहले तीन करोड़ 70 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद किए गए. यह पैसा दिल्ली के एक जौहरी का था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जौहरी उसके सीए और ड्राइवर को हिरासत में लेकर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर इस केस की जांच आयकर विभाग और और ईडी को सौंप दी थी.

ईडी की जांच के मुताबिक दिल्ली के कुछ जौहरियों ने सीए राजीव कुशवाह, देवेन्द्र कुमार झा, और राजकुमार शर्मा के जरिए करोड़ों रुपये के पुराने नोट फर्जी तौर पर सोना खरीद दिखाकर खपा दिए. इस काम के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाईं जिनके एकाउंट इसी कश्मीरी गेट के एक्सिस बैंक में खुलवाए गए.

इसमें 10 से 22 नवंबर के बीच 39 करोड़ रुपये 90 से 99 लाख की किस्तों में जमा किए गए. यह सब एक्सिस बैंक मैनेजर विनीत गुप्ता और शोभित सिन्हा की मिलीभगत से हुआ.

इस कैश एमाउंट को सीए राजीव कुशवाह ने एक फर्जी कम्पनी मेसर्स बीगल्स मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड में आरटीजीएस के जरिए  ट्रांसफर कराया. इसी पैसे को बाद में कुछ ज्वैलरों की फर्जी कंपनियों में भेजा गया. ज्वेलरों की बनाई इन्हीं फर्जी कंपनियों के खातों से मेसर्स वीगल्स मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड को सोना बेचा गया और फर्जी बिल तैयार किए गए. ज्वेलरों ने फर्जी तरीके से एक तोला सोना  45 से 50 हजार रुपये तक के दाम पर बेचा.

ईडी से मिली जानकारी के मुताबिक मेसर्स बीगल्स मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के बारे में छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि इस कम्पनी का एक निदेशक रामचरण नाम का शख्स था. जो पेशे से दिहाड़ी मजदूर था और दिल्ली के अन्ना नगर की झुग्गी में रहता था. ईडी जब रामचरण तक पहुंची तो वह ऐसी कोई कम्पनी और निदेशक के पद से बिल्कुल अंजान था.

फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए एक्सिस बैंक के गिरफ्तार दोनों बैंक मैंनेजरों ने दो पर्सेंट अपना कमीशन लिया. यह कमीशन दो किलो सोनो की ईंट के तौर पर था. इसमें से एक ईंट लखनऊ से बरामद कर ली गई. ईडी के मुताबिक इस गोरखधंधे में करीब 15 लोग शामिल हैं. छह फर्ज़ी कंपनियां बनाई गई हैं.  ईडी ने बैंक के कुल 11 खातों को सीज कर दिया है.

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