प्रतीकात्मक फोटो
जबलपुर:
मध्यप्रदेश के जबलपुर से चलने वाली 15 ट्रेनों में कोच अटेंडर को ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) कर्मचारी की ड्यूटी अदा करनी पड़ रही है. एक कर्मचारी से दो अलग-अलग प्रकार के कार्य लेने के कारण व्यवस्थाओं पर असर पड़ रहा है. जिसके कारण ट्रेन के एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सौरभ नाटी शर्मा ने बताया, ‘‘पहले ट्रेन के एसी के दो कोच के बीच एक सफाई कर्मी तथा प्रत्येक कोच में अटेंडर होता था. सफाई कर्मी का कार्य कोच व टॉयलेट की सफाई का होता था और अटेंडर का कार्य बेड-रोल देना तथा यात्रियों की खाने-पीने की वस्तुएं लाने का था.’’
यह भी पढ़ें: बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए रेलवे ने उठाया यह बड़ा कदम
उन्होंने कहा, ‘‘जबलपुर से छूटने वाली 15 ट्रेनों में विगत 15 जुलाई से एसी कोच में सफाई कर्मी की नियुक्ति समाप्त कर दी गयी है. अटेण्डर को ही साफ-सफाई के साथ बेड-रोल तथा खाने-पीने की सामग्री की सप्लाई करनी पड़ रही है.’’ शर्मा ने बताया कि अलग-अलग प्रवृत्ति के कार्य की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को सौंपे जाने से यात्रियों को असहजता और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस व्यवस्था से यात्रियों में नाराजगी व्याप्त है और उनके फीडबैक अच्छे नहीं है. वहीं, जबलपुर के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मनोज कुमार ने बताया, ‘‘यह व्यवस्था लागू किये जाने से ट्रेनों की सफाई व्यवस्था में सुधार आया है.
VIDEO: सिंपल समाचार : रेलगाड़ी या फेलगाड़ी?
अभी तक 22 बोगी की ट्रेन में तीन सफाई कर्मियों को सात एसी कोच तथा 11 स्लीपर कोच की सफाई करनी पड़ती थी. अब सफाई कर्मियों को सिर्फ 11 स्लीपर कोच की सफाई करनी पड़ती है. एसी कोच की सफाई अटेंडर करते है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यात्रियों को इस व्यवस्था से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है.’’
यह भी पढ़ें: बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए रेलवे ने उठाया यह बड़ा कदम
उन्होंने कहा, ‘‘जबलपुर से छूटने वाली 15 ट्रेनों में विगत 15 जुलाई से एसी कोच में सफाई कर्मी की नियुक्ति समाप्त कर दी गयी है. अटेण्डर को ही साफ-सफाई के साथ बेड-रोल तथा खाने-पीने की सामग्री की सप्लाई करनी पड़ रही है.’’ शर्मा ने बताया कि अलग-अलग प्रवृत्ति के कार्य की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को सौंपे जाने से यात्रियों को असहजता और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस व्यवस्था से यात्रियों में नाराजगी व्याप्त है और उनके फीडबैक अच्छे नहीं है. वहीं, जबलपुर के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मनोज कुमार ने बताया, ‘‘यह व्यवस्था लागू किये जाने से ट्रेनों की सफाई व्यवस्था में सुधार आया है.
VIDEO: सिंपल समाचार : रेलगाड़ी या फेलगाड़ी?
अभी तक 22 बोगी की ट्रेन में तीन सफाई कर्मियों को सात एसी कोच तथा 11 स्लीपर कोच की सफाई करनी पड़ती थी. अब सफाई कर्मियों को सिर्फ 11 स्लीपर कोच की सफाई करनी पड़ती है. एसी कोच की सफाई अटेंडर करते है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यात्रियों को इस व्यवस्था से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है.’’
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं