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This Article is From Jan 11, 2019

राहुल गांधी को जवाब देने के लिए किसानों को यह सौगात भी दे सकती है नरेंद्र मोदी सरकार

हाल ही में झारखंड में BJP की रघुबर दास सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि योजना की घोषणा की है, जिसे वित्तवर्ष 2019-20 से लागू किया जाएगा.

राहुल गांधी को जवाब देने के लिए किसानों को यह सौगात भी दे सकती है नरेंद्र मोदी सरकार
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

आम चुनाव 2019 नज़दीक हैं, और हाल ही में तीन राज्यों में सरकार गठित करने के तुरंत बाद किसानों के कर्ज़ माफ कर कांग्रेस फ्रंट फुट पर आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी देशभर के किसानों के कल्याण के लिए कदम उठाने की चुनौती दे रही है. किसानों की चिंता करने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री खुद भी लम्बे अरसे से वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की घोषणा करते रहे हैं, और उसके लिए तेलंगाना की TRS सरकार की रयथू बंधु योजना की तर्ज पर झारखंड में मुख्यमंत्री कृषि योजना की घोषणा की भी गई है, लेकिन पूरे देश में ऐसा कुछ होना बाकी है. दरअसल, तेलंगाना में रयथू बंधु योजना या किसान निवेश सहायता योजना (FISS) को 10 मई, 2018 में ही लागू किया गया था, जिसके तहत साल में दो फसलों के लिए राज्य सरकार द्वारा उन्हें निवेश सहायता के रूप में 8,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिए जाते हैं. तेलंगाना में 58.33 लाख किसानों को खरीफ तथा रबी सत्रों के लिए 4,000-4,000 रुपये प्रति एकड़ की मदद दी जा रही है, जिसके लिए सरकार ने 2018-19 के राज्य बजट में 12,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. रयथू बंधु योजना अपनी किस्म की देश की पहली योजना है.

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इसके बाद हाल ही में झारखंड में BJP की रघुबर दास सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि योजना की घोषणा की है, जिसे वित्तवर्ष 2019-20 से लागू किया जाएगा. 2,250 करोड़ रुपये की इस योजना के अंतर्गत 22.76 लाख मध्यम तथा छोटे किसानों को 5,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी. तेलंगाना में जहां सभी किसानों को इसका लाभ दिया जा रहा है, वहीं झारखंड में यह मदद सिर्फ उन किसानों को प्रदान की जाएगी, जिनकी खेती की ज़मीन पांच एकड़ से कम होगी. एक एकड़ से भी कम खेतिहर ज़मीन के मालिकों को भी 5,000 रुपये की राशि ही दी जाएगी. यह सहायता राशि चेक अथवा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के ज़रिये किसानों को सौंपी जाएगी.

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सूत्रों के मुताबिक, अब, जब समय  लोकसभा चुनाव  का है, एक या दो राज्यों से काम नहीं चलेगा, और देशभर के किसानों के लिए कुछ न कुछ करना ही होगा. सभी किसानों को मदद पहुंचाने के लिए इसी तर्ज पर बनाई गई एक राष्ट्रव्यापी योजना की आवश्यकता है, सो, उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुनौती का जवाब देने के लिए किसानों के कर्ज़ माफ करने के स्थान पर नरेंद्र मोदी सरकार आगामी बजट सत्र में तेलंगाना या झारखंड सरीखी किसी कल्याण योजना की घोषणा कर दें, जिसका विरोध करना कांग्रेस या किसी भी अन्य विपक्षी दल के लिए मुमकिन नहीं होगा.

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