विज्ञापन
This Article is From Nov 08, 2016

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में काम कर रहे तीन राजनयिक भारत लौटे

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में काम कर रहे तीन राजनयिक भारत लौटे
नई दिल्ली: भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग में तैनात तीन राजनयिकों को मंगलवार को वापस बुला लिया. इन तीन राजनयिकों को तब वापस बुलाया गया जब पाकिस्तान ने उन पर 'जासूसी' का आरोप लगाया और उनकी पहचान उजागर कर दी.

इन राजनयिकों में प्रथम सचिव (वाणिज्य) अनुराग सिंह का नाम शामिल है जिनका नाम पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने जाहिर किया. जकारिया ने आरोप लगाया कि कई भारतीय राजनयिक और कर्मचारी राजनयिक कार्य की आड़ में पाकिस्तान में आतंकवादियों के साथ समन्वय बनाये हुए थे और विध्वंसकारी गतिविधि में लिप्त थे. अधिकारियों के अनुसार, सिंह के अलावा विजय कुमार वर्मा और माधवन नंद कुमार ने आज पाकिस्तान छोड़ दिया.

पाकिस्तान ने जिन आठ भारतीय राजनयिकों की पहचान ज़ाहिर कर दी थी उनमें से तीन लौटे हैं. पहचान जाहिर करने से इन लोगों की सुरक्षा पर खतरा पैदा हो गया था. इनके अलावा इनके परिवारों को भी दिक्कत हो सकती थी. जिन आठ लोगों की पहचान पाकिस्तान ने उजागर की थी उनमें से बाकी पांच कुछ समय बाद स्वदेश लौट आएंगे.

उल्लेखनीय है कि भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के आठ अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने के पाकिस्तान के आरोपों को 'निराधार और पुष्टिहीन' करार देते हुए खारिज कर दिया. इन आरोपों के कारण भारत के पास अपने इन अधिकारियों को वापस बुलाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि भारतीय अधिकारियों के खिलाफ आरोप बाद में गढ़कर लगाए गए और उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद उन्हें निशाना बनाने का यह एक 'अशिष्ट प्रयास' है. इससे पहले पाकिस्तान उच्चायोग के एक सदस्य को पिछले हफ्ते भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर रंगे हाथ पकड़ा गया था.

भारत ने उस तरीके पर भी कड़ा विरोध जताया है, जिसमें आठ भारतीय अधिकारियों के नाम और फोटो को छापा गया और उनकी सुरक्षा से समझौता किया गया. इनमें से चार अधिकारियों के पास राजनयिक पासपोर्ट है.

पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारी बलूचिस्तान और सिंध खासकर कराची में जासूसी, विध्वंसक और आतंकी गतिविधियों को सहयोग देने, चीन पाकिस्तान आर्थिक परिपथ को नुकसान पहुंचाने एवं दोनों राज्यों में अस्थिरता को हवा देने जैसे कार्यों में संलिप्त थे.

स्वरूप ने कहा, 'हम पाकिस्तान द्वारा इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए निराधार और बिना पुष्टिवाले आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं. सरकार इन आरोपों से पूरी तरह इंकार करती है.' उन्होंने कहा, 'यह विशेषरूप से खेदजनक है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने छह अधिकारियों को पाक उच्चायोग से वापस बुलाने के बाद यह आरोप लगाना पसंद किया. इन अधिकारियों में से कुछ के नाम महमूद अख्तर ने भारतीय अधिकारियों के समक्ष लिए थे. अख्तर पाकिस्तान उच्चायोग का वह अधिकारी है, जिसे रंगे हाथ पकड़ा गया था.'
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
पाकिस्तान, भारतीय राजनयिक, भारत, सीमा विवाद, कश्मीर मुद्दा, आतंकवाद, India, Pakistan, Indian Diplomats, Border Disputes, Terrorism
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com