यह ख़बर 11 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

तेलंगाना : रेल रोको अभियान टला, बसें सड़कों पर लौटीं

खास बातें

  • तेलंगाना की मांग को लेकर आंदोलनरत तेलगांना संयुक्त कार्रवाई समिति ने तीन दिन के रेल रोको अभियान को 15 अक्टू. तक स्थगित कर दिया।
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर आंदोलनरत तेलगांना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने बुधवार से प्रस्तावित तीन दिनों के रेल रोको अभियान को 15 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया है। इसको देखते हुए रेलवे ने तेलंगाना क्षेत्र में रेल सेवा सुचारु रहने की घोषणा की है। उधर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव सहित तीन नेताओं के खिलाफ उकसावे वाला बयान देने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। इस बीच तेलंगाना की सड़कों पर मंगलवार को कुछ बसें लौट आईं। परिवहन निगम के कुछ कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल वापस लेने की सोमवार को घोषणा की थी। जेएसी ने मंगलवार को घोषणा की कि रेल रोको आंदोलन अब 12, 13 और 14 अक्टूबर के बजाय 15, 16 व 17 को प्रभावी होगा।  यह निर्णय जेएसी की आपात बैठक में लिया गया, लेकिन स्थगन का कारण नहीं बताया गया। रेल रोको आंदोलन दूसरी बार स्थगित किया गया है। मूल रूप से आंदोलन की तारीखें 9, 10 और 11 अक्टूबर तय की गई थीं। जेएसी के निर्णय के मद्देनजर दक्षिण मध्य रेलवे ने घोषणा की कि बुधवार से रेलगाड़ियां तय समय पर चलेंगी। उसने रेल सेवाएं रद्द करने की अपनी पूर्व की घोषणा वापस ले ली है। दक्षिण मध्य रेलवे ने बुधवार से 40 एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को आंशिक तौर पर रद्द करने तथा 70 रेलगाड़ियों के मार्ग में तब्दीली करने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि पिछली बार 24 और 25 सितम्बर को दो दिनों के लिए रेलमार्ग अवरुद्ध किए गए थे, जिसकी वजह से 72 एक्सप्रेस रेलगाड़ियों और 264 सवारी रेलगाड़ियों को रद्द किया गया था। वहीं, पुलिस ने उकसावे वाला बयान देने के आरोप में टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव सहित तीन नेताओं तथा जेएसी के नेताओं स्वामी गौड़ और विट्ठल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि तेलंगाना के पुलिसकर्मी भी इस आंदोलन में शामिल होंगे। पुलिस सूत्रों के अनुसार टीआरएस प्रमुख राव के खिलाफ सैफाबाद पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया है। राव पर आरोप है कि उन्होंने अपने बयान में लोगों से उन मंत्रियों और सांसदों के घरों पर हमला करने की अपील की थी, जो अपने पद से इस्तीफा देकर इस आंदोलन में शामिल होने को तैयार नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री एन.किरण कुमार रेड्डी ने एक दिन पहले ही अपने बयान में कहा था कि कानून एवं व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उधर, तेलंगाना की सड़कों पर 22 दिन बाद मंगलवार को कुछ बसें लौट आईं। आंध्र प्रदेश राज्य परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की हड़ताल के कारण ये सरकारी बसें सड़कों से गायब थीं। हैदराबाद और सिकंदराबाद की सड़कों पर बसें दिखने लगी हैं, लेकिन तेलंगाना क्षेत्र के खम्मम, करीमनगर व नलगोंडा जिलों के अलावा अन्य छह जिलों में कहीं पर भी बसें नहीं दिखीं। आदिलाबाद, निजामाबाद व वारंगल जैसे जिलों में हड़ताल कर रहे एपीएसआरटीसी के कर्मचारी व तेलंगाना के आंदोलनकारी बसें चलाने का विरोध कर रहे हैं। निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि पुलिस सुरक्षा के बीच शाम तक सड़कों पर बसों की संख्या बढ़ जाएगी। निगम के प्रबंध निदेशक प्रसाद राव को दो-तीन दिनों में बस परिवहन सुचारु रूप से शुरू हो जाने की उम्मीद है।


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