बॉस पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली TCS कर्मचारी को न्‍याय के लिए 3 साल से इंतजार 

महिला ने कहा कि कथित आरोपी और कंपनी की ओर से कानूनी लड़ाई को खींचा जा रहा है. वे इसे रुकवा रहे हैं और अन्य हथकंडे अपना रहे हैं. महिला ने कहा, "शिकायत करने के लिए प्रक्रिया को सजा में बदल दिया गया है."

बॉस पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली TCS कर्मचारी को न्‍याय के लिए 3 साल से इंतजार 

महिला ने कहा कि कथित आरोपी और कंपनी की ओर से कानूनी लड़ाई को खींचा जा रहा है और अन्य हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.

चेन्‍नई :

आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) के लिए काम करने वाली एक 34 वर्षीय महिला अपने पूर्व सुपरवाइजर के खिलाफ ब्रिटेन में एक असाइनमेंट के दौरान कथित रूप से यौन उत्पीड़न के लिए पिछले तीन वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रही है. कंपनी की आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaints Committee) का निष्कर्ष था कि यौन उत्पीड़न का कोई सबूत नहीं है. महिला ने कहा कि कथित आरोपी और कंपनी की ओर से कानूनी लड़ाई को खींचा जा रहा है और अन्य हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. महिला ने कहा, "शिकायत करने के लिए प्रक्रिया को सजा में बदल दिया गया है."

महिला गीता (पहचान छिपाने के लिए नाम बदला गया है) ने कहा कि मार्च 2018 में ब्रिटेन में उसका यौन उत्पीड़न किया गया था, जब वह नौ महीने का काम समाप्त होने के बाद भारत लौटने की तैयारी कर रही थी. 

महिला का आरोप है कि उसके मैनेजर ने काम के घंटे के बाद अनिर्धारित व्‍यक्तिगत अप्रेजल को लेकर बातचीत के दौरान दो बार गलत तरीके से छुआ. इसे काम के समय के घंटो के अलावा तय किया गया. यह शाम को सात बजे शुरू हुई और रात के 11 बजे के बीच कांफ्रेंस रूम में हुई और इस दौरान एचआर का कोई भी कर्मचारी वहां पर मौजूद नहीं था. 

महिला ने बताया कि उसने मुझे सहयोग करने की धमकी दी और कहा कि या वह मेरे करियर को खतरे में डाल देगा. 

टीसीएस की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने पुष्टि की कि पर्यवेक्षक का कार्य "शत्रुता की सीमा" था और "इसे संबोधित करने की आवश्यकता है," लेकिन यह निष्कर्ष निकाला कि उपलब्‍ध सबूतों के आधार पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं किया जा सकता है. पैनल ने केवल उन्‍हें रिपोर्ट करने वाले लोगों के साथ समय और नागरिक परिस्थितियों का ध्‍यान रखने की सिफारिश की. 

महिला ने कहा, "कंपनी ने मौके के सीसीटीवी फुटेज हासिल करने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया."

कार्यस्‍थलों पर जेंडर पॉजिटिव की दिशा में काम करने वाली वकील स्‍वप्‍ना सुंदर ने कहा कि जब यह माना जाता है कि कार्यालय समय के बाद एक अपरिचित कांफ्रेंस रूम में उसे कैद किया जाता है तो सबूत का बोझ उलट दिया जाना चाहिए और महिला पर पर नहीं रखा जाना चाहिए. 

गीता ने दावा किया कि वह 2015 से 2017 के बीच एक ए और दो बी रेटिंग या बैंड के साथ अपने काम में लगातार अच्छी थीं, लेकिन उनकी शिकायत के बाद आरोपी ने उन्हें औसत सी बैंड देने के लिए पॉजिटिव रिव्‍यूज के साथ छेड़छाड़ की और उसे नकारने के लिए एक एक्सेल शीट को जोड़ा. 

गीता चेन्नई में काम करती है और मामले की सुनवाई पड़ोसी कांचीपुरम जिले में होती है. उन्‍होंने कहा कि मुझे अत्यधिक मांग वाली भूमिका दी गई है. यह एक बड़ी चुनौती है कि हर बार छुट्टी के लिए आवेदन किए बिना अदालत की यात्रा की जाए. मैं कभी-कभी अदालत से भी काम करती हूं. उन्‍होंने कहा कि मैं पहले ही कानूनी खर्चों पर लगभग तीन लाख रुपये खर्च कर चुकी हूं. एनडीटीवी द्वारा भेजे गए ई-मेल पर टीसीएस ने कोई लिखित प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, कंपनी की जनसंपर्क टीम ने फोन पर कहा, "हम इन आरोपों से इनकार करते हैं."

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

- - ये भी पढ़ें - -
* दिल्ली : उत्तर-पूर्वी जिले में आपत्तिजनक हालत में लड़की की लाश बरामद, दुष्कर्म के बाद हत्या का शक
* क्या काला जादू की शिकार थी कर्नाटक में मिली लावारिस बच्ची? प्राइवेट पार्ट समेत कई जगह जलने के निशान
* '2-फिंगर टेस्ट से गुजरना पड़ा' : रेप पीड़िता IAF अफसर ने लगाए आरोप- 'ट्रॉमा को दोबारा जीने पर मजबूर'
* महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में IAF का अफसर गिरफ्तार