तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता (फाइल फोटो)
खास बातें
- जयललिता बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत के बाद 22 सितंबर से अस्पताल में हैं
- अस्पताल ने बताया कि 68 वर्षीय सीएम को लंबे समय तक वहां रखना पड़ सकता है
- इसके बाद विपक्ष ने राज्य में कार्यवाहक सीएम नियुक्त करने की फिर मांग उठाई
चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के कोषाध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने अस्पताल जाकर मुख्यमंत्री जे जयललिता की सेहत के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली और साथ ही राज्य में कार्यवाहक मुख्यमंत्री की नियुक्ति की फिर से मांग उठाई.
अस्पताल से निकलने के बाद स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं जयाललित के स्वास्थ्य बारे में जानने के लिए अस्पताल आया था. हमें बताया गया कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है. डीएमके और हमारे पार्टी प्रमुख एम करुणानिधि की ओर से यह कामना है कि वह शीघ्र स्वस्थ हों और कामकाज संभालें. उन्होंने इस बीच एक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है.'
उन्होंने अस्पताल में लोकसभा उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई, राज्य के वित्तमंत्री ओ पनीरसेलवम और स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर से भी मुलाकात की और मुख्यमंत्री की सेहत के बारे में जानकारी ली.
वहीं अपोलो अस्पताल ने शनिवार को बताया कि उनके फेफड़ों की जकड़न को कम करने सहित दूसरी समस्याओं का उपचार किया जा रहा है. अस्पताल ने बताया कि डॉक्टरों का एक पैनल मुख्यमंत्री पर लगातार नजर बनाए हुए है. अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) सुब्बैया विश्वनाथन ने एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उनकी श्वसन प्रणाली पर करीब से नजर रखी जा रही है और उसे नियंत्रित किया जा रहा है.
इससे पहले 80 के दशक में जयललिता के राजनीतिक गुरु एमजी रामचंद्रन जब इलाज के लिए अमेरिका जा रहे थे, तब उन्होंने वरिष्ठ नेता वीआर नेदुंचेझियन को कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. वहीं जयललिता को भी इससे पहले जब जेल जाना पड़ा था, तब उन्होंने अपने वफादार माने जाने वाले ओ. पन्नीरसेलवम को बतौर कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त किया था, हालांकि इस बार ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के प्रवक्ता सीआर सरस्वति कहते हैं, 'यहां इसकी कोई जरूरत ही नहीं. मंत्री और मुख्य सचिव उनसे मिल रहे हैं और सारे काम बदस्तूर चल रहे हैं.' वहीं राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह बताते हैं कि सरकार ऑटो पायलट मोड पर है, जहां जयललिता के भरोसेमंद मौजूदा एवं रिटायर्ड अधिकारी अस्पताल से सारे कामकाज देख रहे हैं.
बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत के बाद 22 सितंबर को जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल ने बताया है कि उनकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है, लेकिन उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक रखना होगा.