विज्ञापन
This Article is From Aug 30, 2018

केंद्र को SC की फटकार: हमने MP-MLA के आपराधिक रिकॉर्डों का ब्योरा मांगा, आपने कागज का टुकड़ा थमा दिया

सासंदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के मामले में केंद्र सरकार के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है.

केंद्र को SC की फटकार: हमने MP-MLA के आपराधिक रिकॉर्डों का ब्योरा मांगा, आपने कागज का टुकड़ा थमा दिया
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: सासंदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के मामले में केंद्र सरकार के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप नवंबर के आदेश को पढ़िये हमने आपसे क्या मांगा था? 1 नवंबर 2017 से अभी तक वो जानकारी नहीं आई जो हमनें मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि जो हमें दिया गया है वो कागज का एक टुकड़ा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर 10 हाई कोर्ट ने जवाब क्यों दिया? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा 12 मार्च का हलफ़नामा क्या कहता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से तैयार नही है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख दी है. 

सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों का एक साल के भीतर हो निपटारा: सुप्रीम कोर्ट

दरसअल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि कितने MP/MLA के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले लंबित हैं और उन मामलों की स्थिति क्या है? फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का क्या हुआ? लेकिन केंद्र सरकार ने कोर्ट में केवल कितने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हुआ है ये बताया.  

केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि कि 11 राज्यों में 12 फ़ास्टट्रैक कोर्ट का गठन हो चुका है. 2 दिल्ली में, आंध्रा, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल और मध्यप्रदेश में फ़ास्टट्रैक कोर्ट का गठन कर दिया गया है. जो केवल MP/MLA के ख़िलाफ़ आपराधिक की सुनवाई करेंगे. कर्नाटक, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश, पटना और दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उन्हें और कोर्ट की जरूरत नहीं है. जबकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि उन्हें एक और कोर्ट की जरूरत है. फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए 7.80 करोड़ राज्यों को दिया जा रहा है. 

भाजपा नेताओं के खिलाफ अपहरण के सबसे ज्यादा मामले, ऐसे हुआ खुलासा

सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन पाबन्दी लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि सासंदों व विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के ट्रायल के लिए अभी तक कितनी स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई गई हैं? इनमें से कितने सेशन कोर्ट और कितनी मजिस्ट्रेट कोर्ट हैं? इनका क्षेत्राधिकार क्या है ? हर अदालत में कितने केस ट्रांसफर किए गए हैं? इनमें कितने केस लंबित हैं? कितने केसों का निपटारा किया गया है? दिल्ली में बनाई गई दो अदालतों का भी ब्यौरा दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोताही बरती गई तो अफसरों को तलब किया जा सकता है. 

VIDEO: मिशन 2019 इंट्रो : योगी के मंत्री ने दलित के घर खाया बाहर का खाना

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com