
सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista redevelopment project) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि वह इस मामले में मुख्यत: भूमि उपयोग में परिवर्तन, नगरपालिका कानून का उल्लंघनऔर पर्यावरण कानून का उल्लंघन के मुद्दे पर सुनवाई करेगा. इसके साथ ही कोर्ट में सुनवाई 20 अगस्त के लिए टली. गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. 29 जुलाई को 20 हजार करोड़ की परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इजाजत दे दी थी.
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अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ता एक सप्ताह के भीतर याचिका दाखिल करे. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील दीवान को याचिका दायर करने की इजाजत दी, जिसमें एक सप्ताह के भीतर 17 जून को पर्यावरणीय अनुमति को चुनौती दी जानी थी. केंद्र को याचिका का जवाब भी दाखिल करने को कहा गया था वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि हम निजी उद्योग के साथ काम नहीं कर रहे हैं. यह परियोजना राष्ट्रीय हित से संबंधित है. एक फैसले में कहा गया है कि सार्वजनिक कानून के मुद्दों को सार्वजनिक उत्साही व्यक्तियों द्वारा नहीं उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यहां इस बात पर ध्यान दिया जाए कि परियोजना में देरी हो रही है.
दूसरी ओर, याचिकाकर्ता का कहना था संसद के नाम पर 1 लाख वर्ग मीटर की टाउनशिप बनाई जा रही है.कोई भी नागरिक किसी परियोजना पर सवाल उठा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता कि तब तक शारीरिक सुनवाई शुरू होगी या नहीं.
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