प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
बेजुबान जानवरों पर जुल्म करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि इस मामले मे 12 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
एक एनजीओ ने दाखिल की है इस बारे में याचिका
दरअसल NGO एंजल ट्रस्ट ने एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि देशभर में जानवरों पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं लेकिन आज भी इसके लिए पुराना कानून चल रहा है जिसके लिए सिर्फ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा दोषी को जेल भेजने का भी प्रावधान नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रिवेंशन आफ क्रूएल्टी अगेंस्ट टू एनिम्लस के कानून में 1960 के बाद से कोई संशोधन नहीं हुआ। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान बनाए।
एक एनजीओ ने दाखिल की है इस बारे में याचिका
दरअसल NGO एंजल ट्रस्ट ने एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि देशभर में जानवरों पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं लेकिन आज भी इसके लिए पुराना कानून चल रहा है जिसके लिए सिर्फ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा दोषी को जेल भेजने का भी प्रावधान नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रिवेंशन आफ क्रूएल्टी अगेंस्ट टू एनिम्लस के कानून में 1960 के बाद से कोई संशोधन नहीं हुआ। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान बनाए।
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