युवाओं में सिगरेट की बढ़ती लत से सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित

युवाओं में सिगरेट की बढ़ती लत से सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने युवाओं में सिगरेट पीने की लत पर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि सिगरेट पैकेट पर वैधानिक चेतावनी होने के बावजूद युवा इसका सेवन कर रहे हैं।

कोर्ट ने यह टिप्पणी उस याचिका पर की है जिसमें गुहार की गई थी की सिगरेट व बीड़ी के पैकेट पर 85 फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी दी जाए। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि देश के युवा सिगरेट को एन्जॉय कर रहे हैं। उन्हें अपने स्वास्थ्य की फिक्र नहीं है। वो एक के बाद एक लगातार सिगरेट पी जाते हैं। हमने खुद भी नौजवानों को सिगरेट पीते देखा है।

पीठ ने याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वकील से कहा कि युवा मासूम नहीं हैं। उन्हें भलीभांति पता है सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें बीड़ी के पैकेट पर वैधानिक चेतावनी संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

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हाईकोर्ट में बीड़ी इंडस्ट्री एसोसिएशन ने याचिका दाखिल कर कहा था कि बीड़ी के पैकेट छोटे होते हैं लिहाजा पैकेट पर वैधानिक चेतावनी का चित्र लगाने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर सिगरेट और बीड़ी के पैकेट पर वैधानिक चेतावनी को 40 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी करने को कहा था। हालांकि राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश इस अलग है। राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र को अधिसूचना पर अमल करने आदेश दिया था।