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This Article is From Aug 06, 2021

ट्रिब्‍यूनलों में नियुक्ति में देर पर SC खफा, केंद्र से कहा-10 दिनों में बताएं, आप ट्रिब्‍यूनलों को जारी रखना चाहते हैं या..

सभी ट्रिब्यूनलों में भारी रिक्तियों पर चिंतित, शीर्ष अदालत ने आज केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि यह खेदजनक स्थिति है.ऐसा लगता है कि आप सभी ट्रिब्यूनलों को बंद करना चाहते हैं.

ट्रिब्‍यूनलों में नियुक्ति में देर पर SC खफा, केंद्र से कहा-10 दिनों में बताएं, आप ट्रिब्‍यूनलों को जारी रखना चाहते हैं या..
सुप्रीम कोर्ट विभिन्न न्यायाधिकरणों (Tribunals) में रिक्तियों को न भरने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विभिन्न ट्रिब्यूनलों (Tribunals)में सदस्यों की नियुक्ति में देरी पर केंद्र सरकार (Central government) को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दुखद स्थिति है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह सभी ट्रिब्यूनलों को बंद करना चाहता है? बार- बार अदालत ने आदेश दिए हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ.इससे ऐसा लगता है कि कार्यपालिका सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करना चाहती. अदालत ने विभिन्न न्यायाधिकरणों में सदस्यों की नियुक्ति पर 10 दिनों के भीतर केंद्र से जवाब मांगा. दरअसल, अदालत विभिन्न न्यायाधिकरणों में रिक्तियों को न भरने की याचिका पर सुनवाई कर रही है. 

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सभी ट्रिब्यूनलों में भारी रिक्तियों पर चिंतित, शीर्ष अदालत ने आज केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि यह खेदजनक स्थिति है.ऐसा लगता है कि आप सभी ट्रिब्यूनलों को बंद करना चाहते हैं. मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) ने कहा कि 10 दिनों के भीतर कोर्ट को सूचित करें कि आप ट्रिब्यूनल को जारी रखना चाहते हैं या बंद करना चाहते हैं या फिर हम अधिकारियों को बुलाएंगे. 4 साल पहले CGST लागू हुआ, लेकिन विवादों पर फैसला लेने के लिए अभी तक कोई अपीलीय निकाय नहीं है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों को पढ़ते हुए CJI ने कहा, 'देशभर में 20 पीठासीन अधिकारी और 101 न्यायिक सदस्य पद खाली है.हम नहीं जानते कि आपका क्या रुख है.आप (केंद्र) ट्रिब्यूनल के साथ जारी रखना चाहते हैं या इसे बंद करना चाहते हैं. हम जो समझते हैं वह यह है कि सरकार ट्रिब्यूनल नहीं चाहती है. हमें कुछ संदेह है कि कुछ लॉबी रिक्तियों को न भरने के लिए काम कर रही हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल से कहा
 कि यदि आप ट्रिब्यूनल नहीं चाहते हैं तो आप लोगों को उपचारहीन नहीं रख सकते. यदि आप ट्रिब्यूनल नहीं चाहते हैं तो उन्हें हाईकोर्ट में जाने दे.

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इस मामले में केंद्र को दस दिनों के भीतर जवाब देने की चेतावनी देते हुए CJI ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि आप एक सप्ताह के भीतर तय करें.हमें रिपोर्ट करें क्योंकि हम गंभीर हैं. हम आपके अधिकारियों को पेश होने और समझाने के लिए मजबूर करेंगे. ऐसी स्थिति न बनाएं. अदालत ने केंद्र से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने विभिन्न ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश की है लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि वह इसे सरकार को बताएंगे और 10 दिनों में वापस बताएंगे. CJI ने कहा कि आइए उम्मीद करते हैं कि स्वतंत्रता दिवस के बाद कुछ होगा.16 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी. भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ देशभर के ट्रिब्यूनल में नियुक्ति करने में केंद्र द्वारा देरी की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. 

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