कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला (Coal scam case) मामलों में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दो विशेष अदालतों का गठन किया है. स्पेशल जज अरुण भारद्वाज और संजय बंसल को नियुक्त किया गया. ट्रायल 41 मामलों में चलाया जाना है. कोयला घोटाले मामलों की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज को बदलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई कर रहा था. फिलहाल एक विशेष अदालत ही ट्रायल चला रही थी, पिछली सुनवाई में कोल ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में एक बड़े घटनाक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) से पांच बेहद क्षमतावान जजों के नाम मांगे थे ताकि इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए नियुक्त विशेष जज को बदला जा सके.
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CJI एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि हम दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से बेहद क्षमतावान और सत्यनिष्ठ करीब पांच जजों के नाम देने का अनुरोध करते हैं ताकि हम विशेष जज भरत पराशर के स्थान पर उचित नाम सुझा सकें. पीठ ने कहा कि उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें पराशर के स्थान पर उचित अधिकारी को स्पेशल जज के रूप में नामित या पदस्थ करने के लिए उसकी अनुमति मांगी गई, इसमें कहा गया था कि कोल ब्लाक आवंटन मामला छह साल से लंबित है जबकि कानून में ऐसे मामलों को दो साल में निपटाने का प्रविधान है, हालांकि इसके लिए छह-छह माह का समय विस्तार दिया जा सकता है.
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शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हमने पाया कि नई दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष जज (पीसी एक्ट) के रूप में कार्य करते रहे भरत पराशर को बदले जाने की जरूरत है क्योंकि वह अब एक ही पद पर छह साल से ज्यादा पूरे कर चुके हैं. उन्हें 19 अगस्त, 2014 को उपरोक्त अदालत में विशेष जज नियुक्त किया गया था.' विशेष जज को दिल्ली हाई कोर्ट के जज की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित किया गया था.
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