महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान के स्कूलों में भी प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों से भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़वाई जाएगी. राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 26 जनवरी से प्रदेश के विद्यालयों में प्रार्थना सभा में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का भी वाचन कराया जाएगा. डोटासरा ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना को विद्यालयों में प्रार्थना सभा के समय प्रतिदिन वाचन करने को लागू करने का उद्देश्य यही है कि देश की नयी पीढ़ी, हमारे विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, सभी धर्मों के आदर की संविधान की भावना सदा कायम रहे.
डोटासरा ने कहा कि राष्ट्र में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उसमें हमारे संविधान निर्माण की प्रस्तावना और भावों के प्रसार से ही हम देश में परस्पर सद्भाव, एकता, अखण्डता को कायम रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में नवाचार अपनाते हुए विकास की महत्ती पहल की गई गई है. हम चाहते हैं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में दूसरे स्थान पर रहने वाला हमारा प्रदेश सभी के सहयोग से एक नंबर पर आए. उन्होंने इसके लिए स्वैच्छिक संस्थाओं से सहयोग का आह्वान किया.
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बता दें इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य कर दिया है. सरकार का यह आदेश भी 26 जनवरी से लागू होगा. वहीं छत्तीसगढ़ के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में अब हर सोमवार को प्रार्थना के बाद संविधान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.
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