नोटबंदी में पुलिसवालों की चांदी : 1 करोड़ के लिए SHO बन गया जज, थाने में लगी अदालत

नोटबंदी में पुलिसवालों की चांदी : 1 करोड़ के लिए SHO बन गया जज, थाने में लगी अदालत

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • कबाड़ी से मिले 1 करोड़ के लिए SHO जज बन गया
  • पुलिसवालों ने कुछ पैसे देकर भगा दिया
  • एक महिला के जरिए खुला मामला
नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के जहांगीपुरी इलाके में देशी शराब बेचने वाली कंचन (बदला हुआ नाम) के कानों में एक आवाज़ सुनाई दी, "क्या करूं पैसे हैं कि खत्म नहीं होता, पूरा 1 करोड़ है" यह सब कंचन के पास रहने वाला टीटू कबाड़ी बोल रहा था, शुरू में कंचन को लगा कि टीटू ने शराब पी रखी है इसलिए ऐसा बोल रहा है, लेकिन जब टीटू की बात पर शक हुआ तो महिला ने अपने इलाके के बीट कांस्टेबल को इसकी जानकारी दे दी.

बीट कांस्टेबल कबाड़ी के घर पहुंचा और तलाशी ली तो पैसों से भरा एक बैग मिला, पुलिसकर्मी इतनी बड़ी रकम देखकर भौंचक्का रह गया. उसने तुरंत टीटू कबाड़ी को हिरासत में लिया और रुपये भी अपने कब्ज़े में ले लिये.

उसके बाद यह मामला यहीं दब गया होता, लेकिन कंचन ने शिकायत दर्ज कराई कि एक कबाड़ी से मिले करीब 1 करोड़ रुपये पुलिस ने गायब कर दिए हैं.
 
यह मामला जब सीनियर अधिकारियों के पास पहुंचा तो जहांगीरपुरी थाने के एसएचओ ने अपने अधिकारियों को बताया कि शिकायत करने वाली महिला ठीक नहीं है. वह अक्सर पुलिसवालों के खिलाफ शिकायत करती रहती है, यहां तक कि पुलिसवालों ने महिला का एक स्टिंग भी कर लिया, जिसमें वह पुलिसवालों से 2 लाख रुपये मांग रही थी.

शुरू में मामले को इसी आधार पर दबाने की कोशिश की गई, लेकिन मामले की जांच करने वालों से जब पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने कहा, टीटू कबाड़ी को लेकर आओ. इसके बाद जांच टीम जब जहांगीरपुरी थाने पहुचीं तो उन्हें बताया गया कि बयान लेने के दौरान उसका पता इसलिए नहीं लिखा गया क्योंकि वह कबाड़ी है. कभी यहां रुकता है कभी वहां ,ऐसे में उसका कोई स्थाई पता नहीं है. बस इतना पता चल सका कि वह पश्चिम बंगाल के 24 परगना इलाके का रहने वाला है.

जांच टीम से जुड़े अधिकारी ने फ्लाइट पकड़ी और टीटू कबाड़ी की तलाश में 24 परगना पहुंच गए, किस्मत से उन्हें टीटू कबाड़ी भी मिल गया.

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टीटू कबाड़ी ने जो उसे बताया वह हैरान करने वाला था. उसने बताया कि "पूरे पैसे के साथ पुलिसकर्मी उसे थाने ले गए. वहां एक कोर्ट में उन्हें पेश किया गया, जो जज साहब थे उन्होंने मुझ पर जुर्माना लगाया, जुर्माने के पैसे मैंने कोर्ट में जमा कर दिए. कुछ पैसे देकर मुझे पुलिसवालों ने कहा कि तुम फ़ौरन अपने घर चले जाओ और अब मत आना, नहीं तो पकड़े जाओगे."

दरअसल, ये जज कोई और नहीं था, बल्कि जहांगीरपुरी थाने का एसएचओ था, जिसने कबाड़ी की रकम हड़पने के लिए और उसे डराने के लिए थाने में अदालत लगा दी और जज बन गया.

टीटू कबाड़ी ने यह भी कहा कि एक बैग उसे तब मिला जब वह अपने कबाड़ का थैला एक जगह रखकर आसपास कबाड़ बीन रहा था. वह थैला लेकर अपने घर आ गया और जब थैले से कबाड़ निकालने लगा तो उसे पैसों से भरा एक बैग मिला.

टीटू के मुताबिक, इतने पैसे उसने कभी नहीं देखे थे. शुरू में उसने पैसे शराब, कपड़े, घड़ी लेने और दूसरे कामों में खर्च किए. लेकिन, जब पैसे खर्च नहीं हो रहे थे तो उसने अपने कुछ रिश्तेदारों को भी बुला लिया, लेकिन नोटबंदी की वजह से पुराने नोट नहीं लिए जा रहे थे. इसी बीच टीटू ने शराब के नशे में नोट की चर्चा कर दी और फिर वह मुश्किल में फंस गया.

वहीं, पुलिसकर्मियों की शिकायत करने वाली महिला ने बताया कि पुलिसवालों ने उसे भी बरामद हुए पैसों से कुछ पैसे देने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्होंने उसे पैसे नहीं दिए. शायद यही वजह है कि महिला शिकायत लेकर पहुंच गई. फिलहाल जहांगीरपुरी थाने के एसएचओ समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है.
 
यह अकेला मामला नहीं है. नोटबंदी के बाद दिल्ली में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पुलिसकर्मी शक और संदेह के दायरे में हैं. सूत्रों के मुताबिक, नोटबंदी के बाद दिल्ली की विशेष शाखाएं हवाला कारोबारियों की धरपकड़ कर रही है और उनसे पैसे ऐंठ रही है. कई कारोबारी कैश के साथ पकड़े जा रहे हैं. उनके रुपयों की भी बन्दरबांट की जा रही है, सिर्फ दिल्ली ही नहीं कई और शहरों में भी पुलिसकर्मियों के नाम इस तरह के मामले सामने आए हैं.

(सूत्रों पर आधारित मुकेश सिंह सेंगर की विशेष रिपोर्ट)


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