प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
आजकल रेलवे लगातार अपने नियमों में बदलाव कर रहा है. नया बदलाव आधार कार्ड को लेकर हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक रेलवे टिकटों की बुकिंग के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने की दिशा में काम कर रही है. अगर ऐसा होता है तो टिकट के लिए फॉर्म भरते वक्त अब आपको उम्र, लिंग जैसी जानकारी के साथ अपना आधार नंबर भी देना होगा.
इस नियम को रेलवे दो चरणों में लागू करने की योजना पर काम कर रही है. पहले चरण में विशेष छूट वाली टिकटों के लिए आधार का होना अनिवार्य होगा. जैसे की सीनियर सीटिजन, विकलांग कोटे जैसी टिकटों पर. रेलवे की दलील है कि ऐसा करने से हादसे की स्थिति में एड्रेस जानने, बीमा की रकम अदा करने जैसे कामों में आसानी होगी.
आने वाले वक़्त में मिलने वाली छूट की रकम को भी आधार कार्ड से जोड़ा जा सकता है. जबकि दूसरे चरण में आधार की अनिवार्यता को सभी टिकटों के साथ लागू करने की योजना है. सरकार का मानना है कि अभी 90 फीसीदी से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड है और बाकी बचे लोगों तक भी जल्द पहुंचने की कोशिश सरकार की तरफ से हो रही है.
रेलवे का मानना है कि आधार के साथ जोड़ने से रेलवे को कई फायदे होंगे, मसलन टिकटों की कालाबाज़ारी पर लगाम लगेगी, हादसे की स्थिति में पहचान में आसानी होगी, बीमा की राशि सही हाथों में पहुंचेगी और बैंकिग लेन-देन में वक़्त बचेगा.
रेलवे आधार को वैकल्पिक करने पर विचार कर रही है. तकनीकी पहलू irctc ने पूरा कर लिया है, अब बोर्ड को तय करना है. कहा जा रहा है कि सीनियर सीटिजन के लिए बहुत मुमकिन है कि अनिवार्य कर दिया जाय. इस पर विचार की सबसे बड़ी वजह बीमा योजना का लॉन्च होना है. अगर आधार से लिंक होगा तो कोई हदसा होने की स्थिति में पीड़ित का पता मिलने में आसानी होगी. दूसरा नियमित यात्रा करने वालों के लिए महीने में 6 बार टिकट की बंदिश खत्म करने पर भी विचार हो रहा है. तीसरा, आधार को रूपे कार्ड जैसी व्यवस्था से जोड़ दिया जाएगा तो बैंकिंग ट्रांजेक्शन में वक्त बचेगा और कंफर्म टिकट की गुंजाइश ज्यादा होगी. लेकिन अभी कोई पॉलिसी नहीं बनी है.
इस नियम को रेलवे दो चरणों में लागू करने की योजना पर काम कर रही है. पहले चरण में विशेष छूट वाली टिकटों के लिए आधार का होना अनिवार्य होगा. जैसे की सीनियर सीटिजन, विकलांग कोटे जैसी टिकटों पर. रेलवे की दलील है कि ऐसा करने से हादसे की स्थिति में एड्रेस जानने, बीमा की रकम अदा करने जैसे कामों में आसानी होगी.
आने वाले वक़्त में मिलने वाली छूट की रकम को भी आधार कार्ड से जोड़ा जा सकता है. जबकि दूसरे चरण में आधार की अनिवार्यता को सभी टिकटों के साथ लागू करने की योजना है. सरकार का मानना है कि अभी 90 फीसीदी से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड है और बाकी बचे लोगों तक भी जल्द पहुंचने की कोशिश सरकार की तरफ से हो रही है.
रेलवे का मानना है कि आधार के साथ जोड़ने से रेलवे को कई फायदे होंगे, मसलन टिकटों की कालाबाज़ारी पर लगाम लगेगी, हादसे की स्थिति में पहचान में आसानी होगी, बीमा की राशि सही हाथों में पहुंचेगी और बैंकिग लेन-देन में वक़्त बचेगा.
रेलवे आधार को वैकल्पिक करने पर विचार कर रही है. तकनीकी पहलू irctc ने पूरा कर लिया है, अब बोर्ड को तय करना है. कहा जा रहा है कि सीनियर सीटिजन के लिए बहुत मुमकिन है कि अनिवार्य कर दिया जाय. इस पर विचार की सबसे बड़ी वजह बीमा योजना का लॉन्च होना है. अगर आधार से लिंक होगा तो कोई हदसा होने की स्थिति में पीड़ित का पता मिलने में आसानी होगी. दूसरा नियमित यात्रा करने वालों के लिए महीने में 6 बार टिकट की बंदिश खत्म करने पर भी विचार हो रहा है. तीसरा, आधार को रूपे कार्ड जैसी व्यवस्था से जोड़ दिया जाएगा तो बैंकिंग ट्रांजेक्शन में वक्त बचेगा और कंफर्म टिकट की गुंजाइश ज्यादा होगी. लेकिन अभी कोई पॉलिसी नहीं बनी है.
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